World TB Day: टीबी की बीमारी से जल्दी छुटकारा पाने के लिए इन 9 चीजों का करे सेवन

आज यानी 24 मार्च को पूरी दुनिया में वर्ल्ड टीबी डे (World TB Day) मनाया जा रहा है। साल 1882 में डॉक्टर रॉबर्ट कोच ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis) बैक्टीरिया की खोज की थी जोकि टीबी की बीमारी का कारण बनता है। टीबी एक संक्रामक रोग है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। हालांकि यह शरीर के अन्य अंगों जैसे रीढ़, दिमाग या किडनी को भी प्रभावित कर सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार हर दिन 4100 से अधिक लोग टीबी से अपनी जान गंवाते हैं और करीब 28,000 लोग इस रोकथाम योग्य और इलाज योग्य बीमारी से बीमार पड़ते हैं। साल 2020 में 1500000 लोगों को टीबी की वजह से अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

टीबी दुनिया के सबसे घातक संक्रामक रोगों में एक है। आज के समय में टीबी के इलाज के कई अलग-अलग तरीके हैं। माना जाता है कि टीबी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के साथ लंबे समय तक चलता है। अगर आप टीबी का लक्षण जैसे खांसी, सांस फूलना और कफ आना जैसे गंभीर लक्षणों से तुरंत राहत पाना चाहते हैं, तो कुछ प्राकृतिक उपचार भी आजमा सकते हैं। टीबी के मरीजों को संतुलित आहार के साथ हाई प्रोटीन डाइट लेना जरूरी होता है। दूध, अंडे, मुर्गा, मछली आदि में बेहतर प्रोटीन होता है। इसलिए मरीजों को भोजन के रुप में इसे ही यूज करना चाहिए। इसके अलावा लौकी, तुलसी, हींग, आम का रस,अखरोट, लहसुन, देसी शक्कर, बड़ी मुनक्का, अंगूर भी बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। घरेलू उपायों के यह मतलब नहीं है कि आप अपना इलाज छोड़कर बैठ जाएं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि टीबी को खत्म करने के लिए पूरा इलाज किया जाना चाहिए।

पुदीना

एक अध्ययन से पता चलता है कि पुदीना टीबी के मरीजों के लिए अद्भुत काम करता है। पुदीने में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं और यह टीबी से प्रभावित ऊतकों को ठीक करने में मदद करता है। एक चम्मच पुदीने के रस में दो चम्मच शहद और दो चम्मच माल्ट विनेगर और आधा कप गाजर का रस मिलाएं। मिश्रण को तीन भागों में बांट लें और नियमित अंतराल पर इसका सेवन करें।

लहसुन

लहसुन में पाए जाने वाले एजोइन, एलिसिन और एलिल्मिथाइलट्रिसल्फाइड में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसे कच्‍चा या पका कर खाना चाहिये। लहसुन में पाया जाने वाला सल्फ्यूरिक एसिड टीबी के बैक्टीरिया के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली है। लहसुन को पानी में भिगोकर पीने से या अपने भोजन में खाने से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।

आंवला

आंवला शरीर को मजबूती प्रदान करता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं और यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक है। टीबी के लक्षणों से राहत पाने का एक बेहतर उपाय भी है। रोजाना एक एक गिलास ताजा आंवले का रस पीने से आपको खांसी जैसे लक्षणों से लड़ने में मदद मिल सकती है। आंवला को गले और साइनस की कई समस्याओं को रोकने और उनका इलाज करने के लिए भी जाना जाता है।

केला

केले में अधिक मात्रा में कैल्‍शियम पाया जाता है जिससे टीबी के रोगियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। यह कफ और बुखार को दूर भगाता है। रोगी को 1 गिलास कच्‍चे केले का जूस रोजाना पीना चाहिये।

सहजन

सहजन TB पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया से छुटकारा दिला सकता है। यह फेफड़ों की सूजन को कम करता है संक्रमण को रोकता है। आप सहजन की मुठ्ठीभर पत्‍तियों को 1 कप पानी में 5 मिनट के लिये गरम कर के ठंडा होने के बाद उसमें नमक, मिर्च और नींबू निचोड़ कर रोगी को पीने के लिये दे सकते हैं। इसे रोजाना सुबह खाली पेट पीना चाहिये। इसके अलावा उबली सहजन का रोजाना सेवन भी फायदेमंद साबित होता है।

काली मिर्च

काली मिर्च फेफड़े की सफाई करती है। 10 काली मिर्च के दाने को घी के साथ फ्राई कर लें। फिर उसमें एक चुटकी हींग पावडर डाल कर मिक्‍स कर के ठंडा कर लें। मिश्रण को 3 भाग में बांटें और एक डोस को हर एक घंटे में चबाएं।

शहद

फार्माकोलॉजी एंड टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च में प्रकाशित 2008 के एक अध्ययन से पता चलता है कि शहद का इस्तेमाल टीबी के मरीजों में लक्षणों को कम करने में सहायक है। शहद के उपयोग से पल्मोनरी टीबी के मरीजों में एंटी टीबी दवाओं के कारण होने वाली प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं को कम किया जा सकता है।

ग्रीन टी

ग्रीन टी सबसे ज्यादा फायदा वजन घटाने में करती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जिससे मेटाबॉलिज्म तेज होता है। ग्रीन टी पीने से शरीर में फैट की मात्रा कम होती है। ग्रीन टी पीने के बाद एक्सरसाइज करने से फैट ऑक्सीडेशन बढ़ता है, जिससे आपका वजन कंट्रोल रहता है। परन्तु क्या आप जानते हैं कि ग्रीन टी टी बी के लिए भी एक उत्तम उपचार है? इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं जो शरीर से मुक्त विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं तथा आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मज़बूत बनाते हैं। इसमें पॉलीफिनॉल भी पाया जाता है जो टी बी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को बाहर निकालने में सहायक होता है। टी।बी। की समस्या को दूर रखने के लिए दिन में दो बार ग्रीन टी पीयें। रोजाना ग्रीन टी पीने से कैंसर का खतरा भी कम होता है। इसमें पॉलीफिनॉल्स होता है, जो ट्यूमर और कैंसर सेल्स रोकने में मदद करता है। ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर को रोकने में ग्रीन टी मदद करती है।

अखरोट

ड्राई फ्रूट्स का राजा कहलाने वाला अखरोट सिर्फ दिमाग के लिए नहीं बल्कि ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद ड्राई फ्रूट (Dry Fruits) है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फॉरस, कॉपर, सेलेनियम, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड जैसे कई पोषक भी होते हैं। अखरोट में काफी ज्‍यादा ताकत होती है जो कि हमारे इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करता है। अगर आप को टीबी है तो यह आपके शरीर को ताकत से भर देगा और आपको एनर्जी भी देगा। 2 चम्‍मच पिसा हुआ अखरोट का पावडर और 1 चम्‍मच लहसुन का पेस्‍ट मिक्‍स कर के उसमें 1 चम्‍मच घी मिलाएं। इस मिश्रण को रोजाना रोगी को खिलाएं। या फिर केवल अखरोट ही खिलाएं। इससे इम्‍यून सिस्‍टम में मजबूती आएगी।

Vitamin D का सेवन बढ़ाएं

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में विटामिन डी की कमी टीबी के उच्च जोखिम से जुड़ा है। यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित 2019 के एक शोध से पता चलता है कि विटामिन डी मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट पल्मोनरी टीबी के मरीजों के इलाज में तेजी लाने में मदद कर सकता है। इसके लिए आपको अंडे, फोर्टिफाइड मिल्क और मछली का सेवन करना चाहिए। आप विटामिन डी को सुबह की धूप से भी ले सकते हैं।