शाहरुख ने इसलिए नहीं की थी ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ फिल्म, 4 साल ब्रेक लेने के सवाल पर दिया यह जवाब

सुपरस्टार शाहरुख खान का सितारा एक बार फिर से चमक चुका है। शाहरुख (58) ने पिछले साल एक के बाद एक तीन सुपरहिट मूवी ‘पठान’, ‘जवान’ और ‘डंकी’ से समां बांध दिया। आज बुधवार (14 फरवरी) को शाहरुख ने दुबई में ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट 2024’ में हिस्सा लिया। यहां शाहरुख ने उनसे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात की।

‘द मेकिंग ऑफ ए स्टार : ए कन्वर्सेशन विद शाहरुख खान’ सेशन के दौरान ‘बादशाह’ ने 'लीजेंड नहीं होने' का मजाक उड़ाया और जब उनसे पूछा गया कि उनका नाम क्या है तो उन्होंने कहा, मैं जेम्स बॉन्ड हूं। यह पूछे जाने पर कि क्या वे 'बॉन्ड किरदार' निभाना चाहेंगे, शाहरुख ने कहा, मैं वास्तव में चाहता था, लेकिन मुझे लगता है कि मैं बहुत छोटा हूं, लेकिन मैं बॉन्ड खलनायक की भूमिका निभाने के लिए काफी भूरा हूं।”

शाहरुख ने कहा कि “हां, स्लमडॉग वहां था, अब आपने इसका जिक्र किया है। मैं मिस्टर बॉयल के साथ काफी समय बिताता हूं। वह बहुत प्यारा है लेकिन मैं उस समय टेलीविजन पर ‘हू वॉन्ट्स टू बी अ मिलियनेयर’ (कौन बनेगा करोड़पति) सफलतापूर्वक कर रहा था और जो कहानी बताई जा रही थी, उसमें मुझे ऐसा लगा कि जो कहानी बताई जा रही थी, उसमें जो व्यक्ति मेजबान था, वह बहुत मतलबी था।

मैं (फिल्म में) जज के रूप में धोखा दे रहा था और बेईमान हो रहा था, तो मुझे बस यह पता चला कि यह बहुत अजीब है कि मैं (KBC पर) होस्ट हूं और फिल्म में धोखा दे रहा हूं इसलिए मैंने मिस्टर बॉयल को समझाया कि कृपया, मैं यह नहीं करना चाहूंगा और मुझसे कहीं बेहतर एक्टर मौजूद हैं। और मुझे लगता है कि श्री अनिल कपूर ने यह किया और वे जज के रूप में शानदार थे।

शाहरुख ने कहा, उन चार सालों में मैं लगा रहा था जख्मों पर मरहम...

साल 2016 में शाहरुख खान की ‘फैन’ और 2018 में ‘जीरो’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। ये दोनों फिल्में फ्लॉप रहीं। इसके बाद चार साल यानी 2022 तक शाहरुख ने एक भी फिल्म में काम नहीं किया। इस बारे में शाहरुख ने कहा कि मेरी कई फिल्में फ्लॉप रही हैं, जिनमें मेरा प्रदर्शन काफी खराब रहा। उन चार सालों में मैं अपने जख्मों पर मरहम लगा रहा था।

इसके साथ ही मैंने दुनिया का सबसे अच्छा पिज्जा बनाना सीखा। एक पॉइंट पर मैंने कहानियां सुनना और सुनाना बंद कर दिया था। मैंने अपने लिए एक छोटी सी रसोई बना ली थी। इस दौरान मैंने धीरज रखना भी सीखा क्योंकि एक गोल पिज्जा बनाने से पहले मैंने कई बार ऐसे पिज्जा बनाए जो चौकोर थे।

मेरे परिवार वाले काफी सपोर्टिव थे। मेरी फैमिली ने कभी ये नहीं कहा कि मेरी फिल्में उतनी ही बुरी हैं जितने कि मेरे पिज्जा। लोग मुझसे कुछ और चाहते थे। वो चाहते थे कि मैं अपनी फिल्मों से उनके दिलो-दिमाग में उम्मीद की किरण जगाऊं। मैंने कुछ समय के लिए दर्शकों की बात सुनना बंद कर दिया था।