कॉमेडियन के रूप में मशहूर हुए राजपाल यादव का कहना है कि वे खुद को ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए परफेक्ट नहीं पाते हैं। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान ओटीटी पर परोसी जाने वाली ‘गंदी भाषा’ पर नाराजगी जताई। राजपाल ने कहा कि ओटीटी का काफी ट्रेंड चल रहा है, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं इसमें फिट हो सकता हूं। कुछ सालों से जिस तरह की वेब सीरीज आ रही हैं, मैं उनसे बिल्कुल भी रिलेट नहीं करता।
मुझे गाली देना पसंद नहीं, लेकिन इन दिनों वेब सीरीज में ऐसा ही चल रहा है। मुझे बिना गालियों के तालियां मिली हैं अपने काम के लिए। मैं वो चीजें कभी नहीं करता जिन्हें मैं रियल लाइफ में पसंद नहीं करता। मैं गलत बातें बोलकर कमाई नहीं करना चाहता और शुक्र है कि ऐसा मैं नहीं करता। मैं बहुत खुशनसीब हूं कि दो दशक के बाद भी लोग मुझे देखकर बोर नहीं हुए हैं। मैं इसका पूरा क्रेडिट फैंस को देता हूं जिन्होंने मेरे अंदर के एक्टर को जिंदा रखा।
सिर्फ रामगोपाल वर्मा ने दिया लीड एक्टर का काम
राजपाल ने
कहा कि सिर्फ रामगोपाल वर्मा ने ही मुझे बतौर लीड एक्टर अपनी फिल्म में काम
करवाया था और उसका नाम है मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं। उस समय मैं
अमिताभ बच्चन, संजय दत्त, सलमान खान, अजय देवगन, शाहरुख खान और रितिक रोशन
के साथ अवार्ड के लिए नॉमिनेट हुआ था। वैसे मैंने कभी खुद को हीरो नहीं कहा
क्योंकि मैंने कई रियल हीरो देखे हैं अपनी जिंदगी में। हालांकि इसका मतलब
ये नहीं कि मैं खुद को कम समझता हूं। मेरी वैल्यू बढ़ जाती है जब उसमें
जीरो जुड़ता है।
राजपाल की पहली फिल्म थी दिल क्या करे
राजपाल
ने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत साल 1999 में आई फिल्म ‘दिल क्या
करे' से की। इसके बाद रामगोपाल वर्मा ने उन्हें फिल्म ‘जंगल’ में नेगेटिव
रोल दिया। इस रोल ने उनकी किस्मत पलट दी। उन्होंने 'कंपनी' भी की, लेकिन
कॉमेडी फिल्मों ने उन्हें नई पहचान दी। वे 22 साल के करियर में कई तरह की
भूमिकाएं कर चुके हैं। राजपाल अपनी कई फिल्मों के सीक्वल में काम कर रहे
हैं जिसमें कुली नंबर 1, हंगामा 2 और भूल भुलैया 2 जैसी फिल्में शामिल हैं।