RRR का ऑस्कर विजेता Naatu Naatu उनका ‘सर्वश्रेष्ठ’ गीत नहीं: एमएम कीरवानी

संगीतकार एमएम कीरवानी, जिन्हें हिन्दी भाषी दर्शक व श्रोता एम.एम. क्रीम के नाम से जानते हैं और जिन्होंने हिन्दी में तुम मिले दिले खिले और जीने को क्या चाहिए, ना हो तू उदास मैं रहूँगा साथ-साथ जिन्दगी भर. . . . सरीखा कालजयी गीत दिया है, ने एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के गाने नाटू नाटू से वैश्विक पहचान हासिल की और उन्हें गोल्डन ग्लोब और ऑस्कर से सम्मानित किया गया।

फिल्म के मुख्य कलाकारों जूनियर एनटीआर और राम चरण पर फिल्माया गया यह गाना भारत में रिलीज होने पर काफी हिट रहा और नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने के बाद फिल्म की टीम को दुनिया भर से प्यार मिला। हालाँकि, इस गाने को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने से पूरा देश खुशी से झूम उठा, लेकिन संगीतकार कीरवानी ने हमेशा इस बारे में अपना संयम बनाए रखा है। उन्होंने यहाँ तक कहा कि यह गाना उनका ‘सर्वश्रेष्ठ’ काम नहीं है।

हाल ही इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने एक साक्षात्कार में बात करते हुए जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उन्हें वो पहचान बहुत देर से मिली जिसके वो हकदार थे, तो उन्होंने जवाब दिया, देखिए, देर से या जल्दी, वैश्विक पहचान एक ऐसे गाने को मिली है जो मेरा सर्वश्रेष्ठ नहीं है। इतना तो मैं कह ही सकता हूँ। लेकिन, जब पहचान मिलनी होती है, तो वो किसी न किसी तरह से, किसी भी कोने से आ ही जाती है। लेकिन देर? कभी-कभी आपको लगता है कि देर हो गई है क्योंकि आपका जीवनकाल तय है, इसे ही देर या जल्दी कहा जाता है, जब आपका जीवनकाल तय नहीं होता है, तो यह तब आता है जब इसे आना होता है।

ऑस्कर जीतने के बाद भारत लौटने पर, कीरवानी ने माना कि वह इस गाने को बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग का पुरस्कार मिलने से ‘उत्साहित’ भी नहीं थे। उन्होंने इस गाने को लाने के लिए दिवंगत रामोजी राव को श्रेय दिया।

उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, शुरू में मैं ऑस्कर के लिए नामांकित होने को लेकर उत्साहित नहीं था। लेकिन, जब मैं रामोजी राव से मिला, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं पुरस्कार घर ले आऊँ। मैंने सोचा, अगर वे ऑस्कर को इतना महत्व दे रहे हैं, तो मुझे इसे जीतना ही होगा। मुझे लगा कि उस समय पुरस्कार का महत्व था और पुरस्कार की घोषणा से कुछ सेकंड पहले मैं नर्वस भी था। मेरे लिए नहीं, बल्कि उनके लिए।

आरआरआर के बाद एम.एम. कीरवानी को पुन: हिन्दी फिल्मों के निमंत्रण मिलने लगे हैं। हिन्दी भाषी दर्शक और श्रोता उन्हें एम.एम. क्रीम के नाम से जानते हैं। एम.एम. क्रीम ने अजय देवगन, तब्बू अभिनीत निर्देशक नीरज पांडे की फिल्म औरों में कहां दम था के लिए संगीत तैयार किया है। इस फिल्म के गीतों को भी दर्शकों द्वारा भरपूर प्यार मिल रहा है। धीरे-धीरे ही सही औरों में कहाँ दम था के गीत दर्शकों की जुबां पर आने लगे हैं। इस फिल्म के अतिरिक्त एम.एम. क्रीम अनुपम खेर अभिनीत तन्वी द ग्रेट पर काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वे तेलुगु में, चिरंजीवी अभिनीत विश्वम्भर और पवन कल्याण अभिनीत हरि हर वीरा मल्लू के लिए धुन तैयार कर रहे हैं।