ऑस्कर अवार्ड की दौड़ से बाहर हुई ‘लापता लेडीज’, इन्होंने FFI पर उठाए सवाल, अभी इन फिल्मों से है उम्मीद

आमिर खान की दूसरी एक्स वाइफ किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज’ 97वें अकादमी पुरस्कार ऑस्कर 2025 की दौड़ से बाहर हो गई है। फिल्म ऑस्कर शॉर्टलिस्ट में जगह बनाने से चूक गई। एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (AMPAS) ने 15 शॉर्टलिस्टेड फिल्मों की सूची की घोषणा की, जिसमें यह फिल्म शामिल नहीं है।

अंतिम 15 में जगह बनाने वाली फिल्मों में 'आई एम स्टिल हियर' (ब्राजील), 'यूनिवर्सल लैंग्वेज' (कनाडा), 'एमिलिया पेरेज', 'द गर्ल विद द नीडल' (डेनमार्क) 'वेव्स' (चेक गणराज्य), 'द सीड ऑफ द सेक्रेड फिग' (जर्मनी) 'टच' (आइसलैंड), 'नीकैप' (आयरलैंड), 'वर्मिग्लियो' (इटली), 'फ्लो' (लातविया), 'आर्मंड' (नॉर्वे), 'फ्रॉम ग्राउंड जीरो' (फिलिस्तीन), 'डाहोमी' (सेनेगल) और 'हाउ टू मेक मिलियन्स बिफोर ग्रैंडमा डाइस' (थाईलैंड) शामिल है। बता दें फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (FFI) ने इसी साल सितंबर में ‘लापता लेडीज’ को ऑस्कर एंट्री के लिए चुना था। इसे 29 फिल्मों की लाइनअप में से चुना गया था जिसमें बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर ‘एनिमल’, मलयालम राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ‘आट्टम’ और कान्स विजेता ‘ऑल वी’ शामिल थीं।

भले ही ‘लापता लेडीज’ रेस से बाहर हो गई है, लेकिन देश के लिए सारी उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं। शॉर्ट फिल्म ‘अनुजा’ ने बेस्ट लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में जगह बनाई है। ‘अनुजा’ को ऑस्कर 2025 के लिए बेस्ट लाइव एक्शन शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में शॉर्टलिस्ट किया गया है। इसके साथ ही हिंदी फीचर फिल्म ‘संतोष’ भी ऑस्कर के लिए चुनी गई है। इस फिल्म को यूके की तरफ से ऑस्कर में भेजा गया है।

इस साल 1 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी ‘लापता लेडीज’

उल्लेखनीय है कि ऑस्कर अवार्ड का ऐलान 17 जनवरी को किया जाएगा। 2 मार्च को अवार्ड सेरेमनी होगी। ऑस्कर 2025 के लिए भारत की आधिकारिक एंट्री पाने वाली ग्रामीण पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म 'लापता लेडीज' 1 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। फिल्म को आलोचकों और दर्शकों दोनों ने सराहा था। Jio स्टूडियो द्वारा प्रस्तुत ‘लापता लेडीज’ को किरण राव ने निर्देशित किया है। फिल्म का निर्माण आमिर खान और ज्योति देशपांडे ने किया है।

इस बीच दिग्गज फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने ‘लापता लेडीज’ के पुरस्कार की रेस से निकाले जाने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने FFI पर सवाल उठाए हैं। हंसल ने तंज कसते हुए FFI की निराशाजनक स्ट्राइक रेट और साल दर साल फिल्मों के चयन की आलोचना की है। उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा, “फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया ने फिर से ऐसा किया! उनका स्ट्राइक रेट और साल दर साल फिल्मों के चयन को दोष नहीं दे सकते।”