लोकगायिका शारदा सिन्हा का निधन, छठ गीतों के लिए थीं मशहूर, सलमान की फिल्मों में भी गाए लोकप्रिय गाने

साल 1991 में पद्मश्री और साल 2018 में पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित मशहूर गायिका शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। शारदा 72 साल की थीं। उन्होंने मंगलवार (5 नवंबर) रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में आखिरी सांस ली। वह साल 2017 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं। शारदा के बेटे अंशुमान ने उनके निधन की जानकारी दी। अंशुमान ने बताया कि उनकी मां का अंतिम संस्कार पटना के गुलबी घाट पर किया जाएगा, उसी स्थान पर जहां करीब एक महीने पहले पिता का अंतिम संस्कार हुआ था।

एक ही महीने में माता-पिता को खोना अंशुमान के लिए बहुत ही पीड़ादायक है। पिता का निधन ब्रेन हैमरेज से हुआ था। शारदा के जाने से भोजपुरी संगीत जगत में शोक की लहर छा गई। शारदा को उत्तर प्रदेश और बिहार में छठ के गीतों के लिए जाना जाता है। खास बात ये है कि छठ त्योहार के पहले ही दिन नहाय-खाय के मौके पर शारदा ने इस संसार से विदाई ली। सोमवार को उनका छठ गीत यूट्यूब पर रिलीज हुआ था। 'दुखवा मिटाए छठी मैया' टाइटल वाला ये वीडियो गाना फैंस को इस कदर पसंद आया कि इसके 1 ही दिन में 2 लाख से ज्यादा व्यू हो गए।

शारदा ने ढेरों लोकप्रिय गानों को अपनी मधुर आवाज से संजोया है। उन्हें बॉलीवुड की कुछ फिल्मों में भी अपना हुनर दिखाने का मौका मिला। शारदा ने सलमान खान के करिअर की पहली सुपरहिट मूवी 'मैंने प्यार किया' में भी एक गाना ‘कहे तो से सजना’ गाया था, जो आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसके लिए उन्हें 76 रुपए मिले थे। शारदा ने ‘हम आपके हैं कौन’ में 'बाबुल तुमने जो सिखाया' और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ मूवी में 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' जैसे मन को सुकून देने वाले गाने भी गाए। शारदा ने करीब 9 एल्बम में 62 छठ गीत गाए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई दिग्गजों ने दी शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि

शारदा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था। शारदा एक लोक और शास्त्रीय गायिका थीं जो अपने क्षेत्रीय संगीत को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए जानी जाती हैं। वह बिहार कोकिला के नाम से लोकप्रिय हैं और मुख्य रूप से मैथिली और भोजपुरी में गाती हैं। उन्होंने 1970 के दशक में अपने संगीत करिअर की शुरुआत की।

शारदा के खाते में ‘केलवा के पात पर उगलन सूरज मल झाके झुके’, ‘हे छठी मैया’, ‘हो दीनानाथ’, ‘गंगा जी के पनिया’, ‘कार्तिक मास इजोरिया’, ‘सूरज भइले बिहान’, ‘बांझी केवड़वा धइले’, ‘सुपावो ना मिले माई’, ‘पहिले पहिल छठी मैया’ जैसी कई सदाबहार गाने शामिल हैं। शारदा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया और उनके योगदान को याद करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं।

आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!” बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सांसद डॉ. मीसा भारती, पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शारदा को श्रद्धांजलि दी है।