सीन समझाना पड़ा भारी: अमरीश पुरी ने आमिर खान को सबके सामने लगाई थी डांट, गोविन्दा को मारा थप्पड़

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान को एक बार दिग्गज अभिनेता अमरीश पुरी से डांट खानी पड़ी थी — और वो भी सबके सामने। वहीं दूसरी ओर एक बार अभिनेता गोविन्दा को अमरीश पुरी ने सबके सामने सेट पर थप्पड़ मार दिया था। यह दो किस्से अमरीश पुरी के सिनेमा के प्रति जुनून को प्रदर्शित करते हैं। आमिर का किस्सा उस समय का है जब आमिर खान अभिनेता नहीं, बल्कि अपने करियर की शुरुआत एक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर कर रहे थे।

यह घटना बताती है कि परफेक्शन के लिए जुनून आमिर में शुरू से ही था, लेकिन दिग्गजों के साथ काम करते समय अनुभव भी उतना ही ज़रूरी होता है।

फिल्म 'जबरदस्त' के सेट पर हुआ था वाकया


साल 1984-85 के दौरान फिल्म 'जबरदस्त' की शूटिंग चल रही थी। इस फिल्म का निर्देशन आमिर खान के चाचा नासिर हुसैन कर रहे थे, जिसमें सनी देओल, संजीव कुमार, राजीव कपूर और रति अग्निहोत्री जैसे सितारे थे।

इस फिल्म में आमिर खान एक असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे थे। उस दौरान अमरीश पुरी एक सीन को बार-बार भूल रहे थे। आमिर, जो हर सीन को लेकर काफी सजग थे, उन्हें बार-बार सीन का रिफरेंस देकर समझा रहे थे: “सर, आपने पिछला सीन ऐसे किया था, अब आपको ऐसे करना चाहिए।”

बार-बार टोके जाने पर अमरीश पुरी गुस्से में आ गए और उन्होंने सेट पर सभी के सामने आमिर को डांट लगा दी। उनकी भारी-भरकम आवाज़ और तेवर देखकर पूरा सेट सन्न रह गया। आमिर भी गर्दन झुकाकर चुपचाप खड़े रहे।

डांट के बाद मांगी माफ़ी

हालांकि अमरीश पुरी सिर्फ स्क्रीन पर विलेन थे। असल जिंदगी में वे एक संवेदनशील और समझदार इंसान थे। जब उनका गुस्सा शांत हुआ तो उन्होंने आमिर को पास बुलाया और माफ़ी मांगी। यह घटना दोनों कलाकारों के पेशेवर स्वभाव और पारस्परिक सम्मान का प्रतीक बन गई।

सिनेमा का स्तंभ थे अमरीश पुरी

हालांकि अमरीश पुरी ने अधिकतर फिल्मों में निगेटिव रोल निभाए, लेकिन उनका करिश्मा किसी सुपरस्टार से कम नहीं था। उनकी गूंजती हुई भारी आवाज़, डर पैदा कर देने वाली आंखें और दमदार संवाद अदायगी ने उन्हें एक अलग मुकाम पर पहुंचा दिया। पर्दे पर भले ही वो दहशत फैलाते नजर आते हों, लेकिन निजी जीवन में वे अपने काम को लेकर बेहद गंभीर और अनुशासनप्रिय थे।

गोविंदा को जड़ा था थप्पड़ – क्यों बिगड़ा अमरीश पुरी का मूड?

आमिर खान की तरह ही अमरीश पुरी का एक किस्सा जो अक्सर सामने आता है, वह है गोविंदा को थप्पड़ मारने का। सुनने में शायद अटपटा लगे कि अमरीश पुरी जैसे वरिष्ठ अभिनेता ने गोविंदा जैसे सुपरस्टार को थप्पड़ जड़ दिया, लेकिन इसके पीछे की वजह थी – अनुशासन। एक फिल्म की शूटिंग के दौरान अमरीश पुरी सुबह 9 बजे सेट पर समय से पहुँच गए थे, जबकि गोविंदा पूरे 9 घंटे देर से शाम 6 बजे आए। इतना लंबा इंतजार कर रहे अमरीश पुरी का गुस्सा फूट पड़ा और बहस के बाद उन्होंने गोविंदा को एक थप्पड़ मार दिया।

इस घटना ने यह साफ कर दिया कि अमरीश पुरी अपने काम के प्रति कितने समर्पित और प्रोफेशनल थे। उनके लिए समय की कीमत सबसे ऊपर थी, और इसी सिद्धांत से उन्होंने अपना पूरा करियर जिया।

परदे के खौफनाक विलेन, दिल से परिवारवाले

अमरीश पुरी ने अपने करियर की शुरुआत 1970 में की थी लेकिन उन्हें असली पहचान सालों बाद मिली। उन्होंने बॉलीवुड को ‘मोगैंबो’, ‘ठाकुर दुर्जन सिंह’, और ‘बलराज चौधरी’ जैसे अमर किरदार दिए। उनकी गूंजती आवाज और प्रबल संवाद अदायगी के पीछे उनकी हर दिन की तीन घंटे की रियाज़ छिपी होती थी।

असल जिंदगी में वह परिवार के साथ समय बिताने वाले, पोते-पोतियों के संग खेलने वाले एक भावुक इंसान थे।

यह किस्सा न सिर्फ दो दिग्गज कलाकारों के बीच का दिलचस्प प्रसंग है, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री में अनुभव, परिपक्वता और परस्पर सम्मान की सीख भी देता है।

एक अभिनेता, एक व्यक्तित्व

इन किस्सों से एक बात तो साफ है – अमरीश पुरी जितने बड़े अभिनेता थे, उतने ही ठोस व्यक्तित्व के मालिक भी थे। उन्होंने इंडस्ट्री को यह सिखाया कि एक कलाकार का मूल्य उसकी स्टारडम से नहीं, बल्कि उसके व्यवहार, प्रोफेशनलिज़्म और अनुशासन से तय होता है।

आज भले ही अमरीश पुरी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके निभाए किरदार और उनकी जीवनशैली से जुड़े ऐसे किस्से उन्हें अमर बना देते हैं। सिनेमा के इस महान खलनायक ने असल में जो विरासत छोड़ी है, वो रोल से कहीं अधिक प्रेरणादायक है।