प्रियंका चोपड़ा ने साल 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। हालांकि वह शुरुआती करिअर में मुंबई छोड़कर घर लौट जाना चाहती थीं। यही वो दौर था जब प्रियंका ने नाक की सर्जरी कराई थी। हालांकि ‘गदर’ और ‘गदर 2’ फिल्म के डायरेक्टर अनिल शर्मा ने उन्हें मुंबई में रोककर काम दिया। उल्लेखनीय है कि प्रियंका ने साल 2003 में आई अनिल की ‘द हीरो - लव स्टोरी ऑफ ए स्पाई’ के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसमें सनी देओल और प्रीति जिंटा भी थे।
अनिल ने यूट्यूब चैनल पर सिद्धार्थ कन्नन के साथ एक बातचीत में कहा कि जब मैंने पहली बार प्रियंका की नोज सर्जरी के बारे में सुना, तो मुजे यह आभास हुआ कि यह एक वैकल्पिक सर्जरी थी जो उन्होंने जूलिया रॉबर्ट्स की तरह दिखने के लिए कराई थी। मैंने प्रियंका को डांटा भी था। तब मुझे सच्चाई पता चली कि ऐसा नहीं था। उनकी नाक में समस्या थी, यह एक मेडिकल ऑपरेशन था जो खराब हो गया था इसलिए इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। सर्जरी की वजह से प्रियंका को कई प्रोजेक्ट से निकाल दिया गया।
वह टोकन राशि लौटाने की प्रक्रिया में थी और उसने लगभग एक साल के लिए मुंबई छोड़ने की योजना बनाई थी। मैंने उन्हें ऐन वक्त पर रोक दिया। मैंने प्रियंका को पहले ही 5 लाख रुपए का टोकन दे दिया था। वह चेक लेकर आई थी। प्रियंका ने कहा कि मुझे नौकरी से निकाल दिया गया है और अब मैं वापस बरेली जा रही हूं। मैंने कहा तुम पैसे रख लो और मैंने उसे थोड़ा डांटा। फिर प्रियंका ने मुझे बताया कि वास्तव में उनकी नाक के साथ क्या हुआ था।
प्रियंका ने कहा कि मेरे पिता पहले ही बरेली वापस आ गए हैं और सेना में अपनी ड्यूटी पर फिर से शामिल हो गए हैं। मां ने कहा कि वह भी अपनी प्रैक्टिस फिर से शुरू करेंगी। माता-पिता ने सोचा कि मुझे ठीक होने में थोड़ा समय लगेगा इसलिए वे लगभग एक साल बाद वापस आएंगे। अनिल ने कहा कि वे यहां इतना किराया दे रहे थे और वे आम लोग थे, अंबानी जैसे नहीं। मैंने उनसे रुकने के लिए कहा। मैंने यशराज फिल्म्स (YRF) में काम करने वाले एक अनुभवी मेकअप आर्टिस्ट को बुलाया और उनसे प्रियंका की नाक की मदद करने को कहा।
सुमित की डायरेक्टर के रूप में पहली फिल्म थी ‘अमृता एंड आई’मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आ रही है। बॉलीवुड के निर्माता, आर्ट डिजाइनर, पेंटर और प्रोडक्शन डिजाइनर सुमित मिश्रा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने आत्महत्या की है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे शायद आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे। सुमित मणिकर्णिका फिल्म फेस्टिवल के जनक थे। बता दें सुमित मिश्रा मूल रूप से बिहार के निवासी थे। वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र रहे थे।
बतौर डायरेक्टर सुमित ने साल 2016 में फिल्म ‘अमृता एंड आई’ से शुरुआत की। साल 2020 में उन्होंने ‘खिड़की’ बनाई। फिर 2022 में उन्होंने ‘अगम’ का निर्देशन किया। उन्होंने ‘आहिस्ता आहिस्ता’ से बतौर आर्ट डायरेक्टर काम शुरू किया। इसके अलावा ‘अलिफ’, ‘नागिन 3’, ‘मधुबाला’, ‘नक्काश’, ‘वेक अप इंडिया’ सहित कई प्रोजेक्ट्स में वे बतौर आर्ट डायरेक्टर जुड़े।
वे पेशेवर चित्रकार भी थे। सुमित करीब ढाई दशक पहले बतौर विजुअल आर्टिस्ट मुंबई आए थे, जिसके बाद कई कला प्रदर्शनियों का आयोजन करने के बाद उन्होंने प्रोडक्शन डिजाइनिंग में अवसर तलाशे। साहित्य के प्रति सुमित के प्रेम ने लेखन में उनकी रुचि बढ़ाई।