दास्तान मुगल-ए-आजम: एक गीत के शूट के लिए बनाया गया था शीशमहल, हिन्दी सिनेमा को दी थी नई पहचान

वर्तमान समय में हिन्दी सिनेमा निर्देशक संजय लीला भंसाली की पहचान अपनी फिल्मों के भव्य सैट और उस पर फिल्माये गए बेहतरीन गीतों की वजह से है। भंसाली एक शानदार फिल्म मेकर हैं जो अपनी फिल्मों की फोटोग्राफी, गीत संगीत और इसके फिल्मांकन पर बहुत बारीकी से नजर रखते हुए इन्हे फिल्माते हैं।

वहीं दूसरी ओर साउथ की कई बड़ी फिल्मों के सेट भी करोड़ों की लागत से तैयार किए जा रहे हैं। एसएस राजामौली की 'बाहुबली' का सेट भी काफी भव्य और महंगा था। हालांकि भारतीय सिनेमा में यह चलन शुरू से ही चल रहा है। आज हम अपने पाठकों को एक ऐसी ऐतिहासिक फिल्म के एक गीत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने समय में श्रोताओं को हिला कर रख दिया था। फिल्म के इस गीत ने अपने फिल्मांकन के तरीके से हिन्दी सिनेमा को एक विशिष्ट पहचान दी थी। इस फिल्म को बनने में 14 वर्ष का लम्बा समय लगा था। फिल्म के निर्माता निर्देशक के.आसिफ ने एक गीत के लिए वास्तविक शीश महल का निर्माण किया था। उम्मीद है पाठक इस फिल्म और इसके लोकप्रिय गीत को पहचान गए होंगे। यदि नहीं तो हम बताए देते हैं। यह फिल्म थी 1960 में प्रदर्शित हुए मुगल-ए-आजम और इसका गीत था . . . जब प्यार किया तो डरना क्या, हाँ जब प्यार किया तो. . . .यह गीत हिन्दी फिल्मों की सबसे खूबसूरत नायिका मधुबाला पर फिल्माया गया था।

1960 में रिलीज हुई ‘मुगल-ए-आजम’ को बनने में 14 साल लगे थे। फिल्म के एक गाने का सेट बनने में दो साल लगे थे। गाना था ‘जब प्यार किया तो डरना क्या’। गाने में जब अभिनेत्री मधुबाला डांस करती हैं तो महल में लगे सभी शीशों में वह नजर आती हैं, लेकिन इसे फिल्माना आसान नहीं था। एक समय तो यह सीन क्रिएट करना लगभग नामुमकिन हो गया था। हॉलीवुड से भी एक्सपर्ट बुलाए गए, लेकिन उन्होंने भी मना कर दिया। बात 15 लाख रुपये में बनकर तैयार हुए शीश महल को तोड़ने तक पहुंच गई, लेकिन तब सिनेमैटोग्राफर आरडी माथुर ने इसका हल निकाला। कैमरा लगते ही उसकी लाइट शीशों पर पड़ती। इसे रोकने के लिए रिफ्लेक्टर लगाए गए, लेकिन जब लाइट उन पर पड़ती तो आंखें चौंधिया जातीं और शूटिंग मुश्किल हो जाती फिर मधुबाला को अनारकली के वेश में रंग-बिरंगे शीशों में घूमते हुए देखा गया और यह हिंदी सिनेमा का एक प्रतिष्ठित दृश्य बन गया।

1.5 करोड़ रुपए में बनी थी फिल्म

जब एक गाने का सेट तैयार करने में 15 लाख रुपए खर्च किए गए तो स्वाभाविक है कि फिल्म का बजट करोड़ों में रहा होगा। यह फिल्म बॉलीवुड की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी। फिल्म में कलाकारों ने जो भी कपड़े पहने थे, वे दिल्ली में सिले गए थे और सूरत में उन पर नक्काशी की गई थी। हैदराबाद में आभूषण, राजस्थान में हथियार और आगरा में जूते बनाए गए थे। फिल्म में 2000 ऊंट और 4000 घोड़े इस्तेमाल किए गए थे। इन सबके चलते फिल्म का बजट 1.5 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था।

फिल्म का सबसे महंगा गाना

फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ का सबसे महंगा गाना ‘प्यार किया तो डरना क्या’ है। इस गाने को मंजूरी मिलने से पहले 105 बार लिखा गया था। उस समय मिक्सिंग की सुविधा नहीं थी, इसलिए नौशाद ने गाने में गूंज लाने के लिए इसे लता मंगेशकर के साथ स्टूडियो के वॉशरूम में रिकॉर्ड किया था।