सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) ने भले ही पद्मावती फिल्म को पद्मावत नाम से बदलकर रिलीज करने की अनुमति दे दी हो लेकिन अभी भी इस फिल्म की रिलीज़ को लेकर असमंजस बना हुआ है।
जहा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि वह अपने राज्य में फ़िल्म को रिलीज नहीं होने देंगे। वही अब पद्मावत के लिए एक और बुरी खबर है और वो है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी फिल्म के रिलीज़ के लिए ना बोल दी है और फिल्म को गुजरात में पूरी तरह से बैन लगा दिया है। आपको बता दें कि फिल्म 'पद्मावत' को कुछ तब्दीलियां करने के बाद CBFC से रिलीज के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो सकती है। एक तरफ जहां गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है वहीं दूसरी तरफ करणी सेना नहीं चाहती कि फिल्म को देश के किसी भी कोने में रिलीज किया जाए। फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने के लिए देशभर में लगातार विरोध जारी है। लगातार कोशिश की जा रही है कि किसी भी तरह से फिल्म को रिलीज को रोका जा सके।
श्री राजपूत करणी सेना के प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि वह 'पद्मावत' के निर्माताओं के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेगी। संगठन ने संजय लीला भंसाली की फिल्म जब कभी भी रिलीज हो, उस वक्त 'जनता कर्फ्यू' का आह्वान किया है। करणी सेना प्रमुख लोकेंद्र सिंह कल्वी ने मीडिया से कहा, "हमें उस समय एक छोटे से स्पष्टीकरण की जरूरत थी कि पद्मावती व अलाउद्दीन खिलजी के बीच कोई दृश्य नहीं है..हम इससे ही संतुष्ट हो जाएंगे, लेकिन अब हम किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे, जो अपने इतिहास को सुरक्षित नहीं रख सकता वह देश को भी सुरक्षित नहीं रख सकता।"
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक करणी सेना के प्रवक्ता विजेंद्र सिंह कल्याणवत ने कहा है कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। जो अपने इतिहास को सुरक्षित नहीं रख सकते वह देश को भी सुरक्षित नहीं रख पाएंगे। वहीं प्रवक्ता विजेंद्र सिंह के अनुसार पद्मावत भारत की बेइज्जती है। फिल्म रिलीज नहीं होनी चाहिए। अगर फिल्म रिलीज नहीं होती तो मात्र 200 करोड़ रुपए का नुकसान होगा लेकिन अगर फिल्म रिलीज होती है तो वर्षों से बनी इज्जत, आत्मा और देश का गर्व नष्ट हो जाएगा।