अलविदा कादर खान: बॉलीवुड में शोक की लहर, अमिताभ बच्चन ने ऐसे दी आखिरी विदाई, शेयर किया इमोशनल पोस्ट

लंबे समय से बीमार बॉलीवुड के बेहतरीन और सीनियर एक्टर कादर खान 81 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए। वह दिमाग की एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और कनाडा के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। कादर खान का जाना बॉलीवुड के लिए भारी क्षति है। कादर खान को एक्टर के तौर पर सब जानते हैं। लेकिन उनकी एक पहचान जो उनके अंदर के एक्टर से कहीं ज्यादा है वो हैं कादर खान के डायलॉग्स।

अमिताभ बच्चन के सुपरस्टार बनने में कादर खान द्वारा लिखे डायलॉग्स का बड़ा योगदान है। 1983 में रिलीज हुई कुली में अमिताभ के किरदार में जान डालने वाले संवाद कादर खान ने ही लिखे थे।

'बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है 'इकबाल'।'

'आप हैं किस मर्ज की दवा, घर में बैठे रहते हैं, ये शेर मारना मेरा काम है? कोई मवाली स्मग्लर हो तो मारूं मैं शेर क्यों मारूं, मैं तो खिसक रहा हूं और आपमें चमत्कार नहीं है तो आप भी खिसक लो।' ऐसे ही कुछ और शानदार डायलाग कादर खान ने अमिताभ के लिए लिखे। अपने करीबी दोस्त और गाइड के जाने से अमिताभ बच्चन काफी दुखी हैं। अमिताभ बच्चन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है। अमिताभ बच्चन के अलावा बॉलीवुड के अन्य सितारे भी कादर खान के जाने से शोक में हैं।

अमिताभ बच्चन ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि कादर खान नहीं रहे... बहुत दुखद खबर है। मेरी दुआएं उनके साथ हैं। बेहद शानदार थिएटर कलाकार और फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा आर्टिस्ट... एक अद्भुत लेखक। मेरी कई सफल फिल्मों का हिस्सा और एक गणितज्ञ।

अनुपम खेर ने एक वीडियो मैसेज कहा कि कादर खान हमारे देश के सबसे शानदार कलाकारों में से एक थे। उनके साथ काम करना बहुत ही अच्छा अनुभव रहा। कादर खान बहुत हुनरमंद कलाकार थे। उनका मजाकिया अंदाज एकदम स्वाभिवक था। कादर खान हमें बहुत याद आएंगे।

जब बॉलीवुड में हुई एक प्रोफेसर की एंट्री

कादर खान के पिता कंधार के थे और उनकी मां पाकिस्तान के पिशीन जिले की थीं, जो विभाजन से पहले भारत का हिस्सा हुआ करता था। म्युनिसिपल स्कूल में पढ़ाई करने के बाद कादर खान ने मुंबई के इस्माइल युसूफ कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजिनियर्स से सिविल इंजिनियरिंग में डिग्री हासिल की। 1970 से 1975 तक उन्होंने एक कॉलेज में बतौर इंजिनियरिंग के प्रोफेसर के रूप में भी काम किया।

कॉलेज में मिला पहला ब्रेक

कादर खान के कॉलेज फंक्शन के दौरान मेहमान बनकर एक्टर दिलीप कुमार भी पहुंचे थे। उस दौरान कादर खान ने एक स्टेज परफॉर्मेंस दी और दिलीप कुमार उनसे इंप्रेस हुए और उन्होंने उन्हें फिल्म के लिए साइन कर लिया। फिल्म 'जवानी दीवानी' के डायलॉग लिखने का ऑफर मिला और कादर खान बॉलीवुड के मशहूर कलाकार, राइटर और डायरेक्टर बने।

आखिरी बार इस फिल्म में दर्शकों को हंसाते नजर आएंगे कादर खान, 3 जुलाई को होगी रिलीज

भले ही कादर खान अब हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी एक फिल्‍म अभी भी लोगों को हंसाने के लिए तैयार है। कादर खान 'हेराफेरी' सीरीज की तीसरी फिल्‍म में नजर आएंगे। नीरज वोरा, अहमद खान के निर्देशन में बन रही फिल्‍म 'हेराफेरी-3' को लेकर दर्शकों में अभी से काफी उत्‍सुकता है। इस फिल्‍म में एक ओर जहां परेश रावल की कॉमिक टाइमिंग दिखाई देगी तो वहीं कादर खान के अभिनय का तड़का लगेगा। इस फिल्‍म को देखने के बाद हंसी रोकपाना मुश्‍किल नहीं होगा। हेराफेरी-3 जुलाई 2019 में दर्शकों के सामने होगी। 90 के दशक में गोविंदा और कादर खान की जोड़ी को हिट फॉर्मूला माना जाता था और इन दोनों ने 'दूल्हे राजा', 'कुली न 1', 'राजा बाबू' और 'आँखे' जैसी फिल्मों में काम किया। इसके अलावा वो 'कुली' में अमिताभ के साथ, 'हिम्मतवाला' में जीतेंद्र के साथ महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं।