कहते हैं 24 घंटों में कुछ देर के लिए ऐसा वक्त आता है जब इंसान अपनी ऊँचाईयों को छूने में सफल होता है। अर्थात् वक्त का पहिया घूमता है और इतिहास अपने आप को दोहराता है इसमें कोई शक-ओ-शुबा नहीं है। वर्तमान समय में बॉलीवुड के ‘सुल्तान’ बने सलमान खान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है। कभी 18 वर्ष की आयु में 60 वर्ष के बुर्जुग की भूमिका निभाने को तैयार सलमान ने यह नहीं सोचा था कि एक वक्त ऐसा आएगा जब वे एक दशक तक लगातार सुपर हिट फिल्मों की झड़ी लगा देंगे। गुजरे एक दशक पर नजर डाली जाए तो बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान अकेले ऐसे नायक हैं जिनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 100, 200 और 300 करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय करने में सफलता प्राप्त की है।
उनकी हालिया प्रदर्शित हुई ‘टाइगर जिंदा है’ को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं यह फिल्म वैश्विक स्तर पर 600 करोड से ज्यादा और घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 400 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफल होगी। यदि ऐसा होता है तो यह हिन्दी सिनेमा की दशा और दिशा बदलने का काम करेगी।
वर्ष 1989 में सूरज बडज़ात्या की फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ से सफलता का स्वाद चखने वाले सलमान खान ने 2000 के दशक में लगातार 29 असफल फिल्में देकर स्वयं के करियर को पूरी तरह से समाप्त कर लिया था। यह वह दौर था जब उनके बाद आए शाहरुख खान (दीवाना, बाजीगर), अजय देवगन (फूल और कांटे), ऋतिक रोशन (कहो ना प्यार है) से सुपर सितारों की श्रेणी में शामिल हो चुके थे और सलमान खान अपनी असफल फिल्मों के चलते बॉलीवुड से बाहर का रास्ता नाप रहे थे।
असफलता के इसी दौर में उन्होंने स्वयं की बॉडी पर ध्यान देना शुरू किया। उन्होंने महसूस किया कि यदि उन्हें सफल होना है तो उन्हें सनी देओल (घायल, घातक, गदर) की तरह जिम में पसीना बहाना होगा। उनकी मेहनत रंग लाई और इसी बीच उन्होंने अपने भाई सोहेल खान की फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ में पहली बार अपनी बॉडी का प्रदर्शन किया। फिल्म की सफलता में उनका शर्ट लैस होना अहम् रहना। सलमान खान की बॉडी से प्रेरित होकर आमिर खान ने वर्ष 2008 में ‘गजनी’ में अपना शरीर प्रदर्शन किया और इस फिल्म की सफलता ने सलमान खान को अपनी छवि बदलने पर मजबूर किया। अब तक रोमांटिक फिल्मों में नजर आने वाले सलमान खान ने स्वयं को एक्शन से लबरेज फिल्मों में उतारने का निर्णय लिया।
उनके इस कदम में साथ दिया प्रभु देवा ने, जो स्वयं को हिन्दी फिल्मों में बतौर निर्देशक स्थापित करना चाहते थे। बोनी कपूर के लिए उन्होंने ‘वांटेड’ नामक फिल्म बनाई जिसने सलमान खान के साथ-साथ बोनी कपूर के दिन बदल दिए। सलमान खान की बदलती तकदीर को बुलंदियों पर पहुंचाने में अहम् भूमिका निभाई उनके भाई अरबाज खान की फिल्म ‘दंबग’ ने। ‘दबंग’ हिन्दी सिनेमा की ऐसी फिल्म रही जिसने अपने प्रदर्शन के बाद टीवी से चिपके दर्शकों को सिनेमाघरों की ओर दौड़ाया। उसने एक ऐसे दर्शक वर्ग को पुन: सिनेमाघर लौटाया जो एयर कंडीशन कमरों में बैठकर फिल्म को टीवी पर देखना पसन्द करता था। इसके साथ ही उसने उन दिहाड़ी मजदूरों को भी फिल्म देखने के लिए बेताब किया जो मल्टीप्लैक्स और टीवी के चलते सिनेमाघर से दूर हो गए थे। बॉलीवुड की दिशा और दशा बदलने वाली ‘दबंग’ दूसरी ऐसी फिल्म थी जिसने बॉक्स ऑफिस पर 141.24 करोड़ की कमाई के साथ आय के नए आयाम स्थापित किए। इस फिल्म ने बॉलीवुड में एक बार फिर से मसाला फिल्मों का सफलतम दौर शुरू किया जो बदस्तूर जारी है।
पिछले नौ वर्षों में सलमान खान ने बॉक्स ऑफिस को लगातार 12 ऐसी फिल्में दी हैं जिन्होंने 100 से 300 करोड़ तक की कमाई की है। इन बारह फिल्मों में सुल्तान, बजरंगी भाईजान और टाइगर जिंदा है ने 300 करोड़ से ज्यादा, दो—किक और प्रेम रतन धन पायो—200 करोड़ से ज्यादा और सात अन्य—जय हो, दबंग, दबंग-2, रेडी, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर, ट्यूबलाइट—ने 100 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफलता प्राप्त की है।
आने वाले दो वर्षों में सलमान खान की चार फिल्मों का प्रदर्शन होने जा रहा है। यह चार फिल्में हैं—रेस-3, भारत, दबंग-3 और किक-2—जिनसे यह उम्मीद की जा रही है कि यह सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर 300 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने में सफल होंगी। ऐसी ऐसा होता है तो तीन वर्ष के दौरान 300 करोड़ी 5 फिल्में देने वाले वे हिन्दी सिनेमा के पहले अभिनेता होंगे।