50 साल में 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता श्रीराम लागू का 92 की उम्र में निधन

मराठी और हिंदी सिनेमा और रंगमंच के जाने-माने कलाकार डॉ. श्रीराम लागू का मंगलवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार थे। डॉ. लागू ने 50 साल में हिंदी और मराठी की 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने मराठी, हिंदी और गुजराती के 40 से ज्यादा नाटकों में काम किया। 20 मराठी प्ले भी डायरेक्ट किए। उन्हें मराठी रंगमच के महान अभिनेताओं में गिना जाता है। उन्होंने घरौंदा, लावारिस, मुकद्दर का सिकंदर, हेराफेरी, एक दिन अचानक जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण किरदार निभाए। उनकी आत्मकथा का शीर्षक 'लमाण' है, जिसका हिंदी में अर्थ 'मालवाहक' है। साल 1972 में फिल्म पिंजरा से डॉ. लागू ने बॉलीवुड डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पिता के रोल में, विलेन के रोल में या पुलिस के रोल में श्रीराम लागू ने फिल्म इंडस्ट्री में विभिन्न प्रकार के रोल प्ले किए और 100 से भी ज्यादा हिंदी फिल्मों का हिस्सा बनें।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने श्रीराम लागू के निधन पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया- सदी के महान कलाकार श्रीराम लागू जी को मेरी तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि। हमने एक बहुमुखी व्यक्तित्व को खो दिया। एक अद्वितीय रंगमंच अभिनेता ने सिल्वर स्क्रीन पर अपना दबदबा बनाया और प्रभाव पैदा किया।

वही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मशहूर अभिनेता डॉ. श्रीराम लागू के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मराठी रंगमंच ने अपने प्यारे 'नटसम्राट' को खो दिया। बता दे, ‘नटसम्राट' एक प्रसिद्ध मराठी नाटक का नाम है जिसमें डॉ लागू ने अभिनय किया था।

श्रीराम लागू को 1978 में हिंदी फिल्म घरौंदा के लिए सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया। मराठी नाटक नट सम्राट में उनका निभाया गया किरदार काफी सराहा गया। 1960 के दौर में लागू ने पुणे और तंजानिया में मेडिकल प्रैक्टिस की। 1969 में वे फुल टाइम एक्टर हो गए। उनकी किताबों में गिधडे, गार्बो और आत्ममाथा शामिल हैं।

आपको बता दे, श्रीराम लागू का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में हुआ था। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की और एमबीबीएस की डिग्री हासिल की। मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने थियेटर करना शुरू कर दिया था। वे प्रोग्रेसिव ड्रैमेटिक एसोसिएशन से जुड़े। उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से ENT सर्जरी में डिग्री हासिल की और 6 साल तक पुणे में प्रैक्टिस की। इसके बाद एडिशनल ट्रेनिंग के लिए वे कनाडा और इंग्लैंड भी गए। भारत वापस आने के बाद उन्होंने पुणे में प्रॉपर प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रखा।