महाराष्ट्र पुलिस ने प्रियंका चोपड़ा को दी वॉर्निंग, कहा - 7 साल की होगी जेल

प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) की बॉलिवुड कमबैक और सोनाली बोस (Sonali Bose) की फिल्म 'द स्काई इज पिंक (The Sky is Pink)' का ट्रेलर पिछले दिनों मंगलवार को रिलीज़ हुआ। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा के लव पार्टनर हैं फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) और इन दोनों सितारों की बेटी की भूमिका में दिखी हैं जायरा वसीम। फिल्म में जायरा वसीम (आयशा) को एक गंभीर बीमारी है। फिल्म के ट्रेलर को काफी पसंद किया जा रहा है लेकिन फिल्म की टीम ने कभी सोचा भी न होगा कि इस ट्रेलर की वजह से उन्हें पुलिस की ओर से हिदायत मिल जाएगी।

ट्रेलर के कई डायलॉग्स चर्चा में हैं जिसकी वजह से सितारों पर कानूनी ऐक्शन लेने की धमकी भी मिल रही है। महाराष्ट्र पुलिस ने भी चेतावनी देते हुए लोगों तक एक मैसेज पहुंचाया है। महाराष्ट्र पुलिस ने ट्वीट किया- IPC सेक्शन 393 के तहत 7 साल की सजा होती है। #ColoursOfLaw #TheSkyIsPink @priyankachopra @FarOutAkhtar। साथ ही उन्होंने जो फोटो शेयर की है उसमें प्रियंका कह रही हैं कि एक बार आयशा ठीक हो जाए, फिर साथ में बैंक लूटेंगे।

इस ट्वीट के तुरंत बाद प्रियंका ने भी माफी मांगते हुए ट्वीट कर कहा, 'Oops मैं रंगे हाथों पकड़ी गई, अब प्लान B पर काम करने का टाइम आ गया है।' इस ट्वीट के साथ प्रियंका ने फरहान अख्तर और 'द स्काई इज पिंक' को भी टैग किया है।

बता दें कि ट्रेलर के लास्ट में मजाक करते हुए प्रियंका कहती हैं- आयशा ठीक हो जाएगी तो बैंक लूटेंगे। प्रियंका फिल्म में अदिति चौधरी और फरहान अख्तर निरेन चौधरी के रोल में दिखेंगे। दोनों पति-पत्नी बने हैं, जायरा उनकी बेटी के रोल में नजर आएंगी। द स्काई इज पिंक 25 देशों में रिलीज होगी।

क्या है फिल्म की कहानी?

शोनाली बोस द्वारा निर्देशित यह फिल्म 'द स्काई इज पिंक (The Sky Is Pink)' ‘द स्‍काई इज पिंक’ की कहानी असल जिंदगी से प्रेरित है। यह कहानी है दिल्ली की लड़की आयशा चौधरी की, जो सबके लिए एक प्रेरणा बन गई। 6 महीने से शुरू हुई immune deficiency disorder की बीमारी के बाद वह pulmonary fibrosis से जूझने लगी। मात्र 18 साल की उम्र में आयशा ने जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते हुए दुनिया को एक बड़ी सीख दे डाली। वे एक युवा लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर थीं। आयशा का जन्म 27 मार्च 1996 को दिल्ली में हुआ था। लेकिन गंभीर बीमारी पल्मनरी फाइबरोसिस से ग्रसित होने के कारण आयशा की मौत महज 18 साल में हो गई थी। जन्म के वक्त ही आयशा को इम्यून डेफिसेंसी डिसऑर्डर था। 6 महीने में आयशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से गुजरना पड़ा था। 23 जनवरी 2015 को आयशा की किताब किताब ‘My Little Epiphanies' छपी और इसके अगले दिन ही उसका निधन हो गया।