चुनाव होने तक लगी पीएम मोदी की बायोपिक पर रोक

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी राजनीतिक इकाई या उससे जुड़े व्यक्ति के सियासी उदृेश्य को पूरा करने वाली और चुनाव पर असर डालने की क्षमता रखने वाली बायोग्राफी किस्म की किसी भी बायोपिक को सिनेमा सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने कहा कि है कि जब तक लोकसभा चुनाव खत्म नहीं हो जाते, तब तक इस फिल्म पर रोक लगी रहेगी। चुनाव आयोग ने बुधवार को दिये आदेश में कहा है कि बायोपिक Pm Narendra Modi, NTR Laxmi और Udyama Simham पर चुनाव तक के लिए रोक लगाई गई है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की बायोपिक 'पीएम नरेंद्र मोदी' की रिलीज पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को मंगलवार को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, चुनाव आयोग को यह तय करना है कि फिल्म आचार संहिता का उल्लंघन कर रही है या नहीं। वहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को दिए फैसले में फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' की रिलीज डेट पर दखल देने से इनकार कर दिया था। कई पार्टियां पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक को आचार संहिता का उल्लंघन मान रही हैं। फिल्म पर रोक लगाने की मांग पर विवेक ओबेराय ने कहा था, 'मुझे समझ नहीं आ रहा है कि कुछ लोग ओवररिएक्ट क्यों कर रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल जैसे सीनियर और फेमस वकील ऐसी आम फिल्म पर याचिका दायर करने में अपना समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? पता नहीं वे फिल्म से डरते हैं या चौकीदार के 'डंडे' से।' विवेक ने यह भी कहा था कि मोदी की जिंदगी को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाया गया है। पीएम मोदी का व्यक्तित्व पहले ही काफी बड़ा है।

इससे पहले भी खबर थी कि चुनाव आयोग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी बायोपिक फिल्म की रिलीज को रोके जाने की संभावना नहीं है और इस मुद्दे को सीबीएफसी के विवेक पर छोड़ा जा सकता है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का दावा था कि फिल्म चुनाव में भाजपा को अनुचित लाभ देगी और चुनाव समाप्त होने तक इसके रिलीज को टाल दिया जाना चाहिए। सात-चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होने हैं और 19 मई को समाप्त होंगे। 10 मार्च को चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो गया था। संहिता सभी दलों और उम्मीदवारों को एक समान धरातल उपलब्ध कराने पर बल देती है। आयोग में एक राय है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड मामले पर निर्णय लेने का सक्षम प्राधिकारण है। फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी' पहले चरण के मतदान की तारीख से एक सप्ताह पहले 5 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी।