आखिरी बार इस फिल्म में दर्शकों को हंसाते नजर आएंगे कादर खान, 3 जुलाई को होगी रिलीज

300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चूके बेहतरीन अदाकार और जबर्दस्त डायलॉग राइटर कादर खान का गंभीर बीमारी के चलते सोमवार को निधन हो गया। कादर खान (Kader Khan) लंबे समय से बीमार थे और कनाडा के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया है। वह दिमाग की एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे और कनाडा के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इससे पहले उनके बेटे सरफराज खान (Kader Khan Son Sarfaraz Khan) ने उनके निधन की खबरों पर लगाम लगाया था और कहा था कि यह सब अफवाह है। लेकिन अब कादर खान के बेटे सरफराज खान (Sarfaraz Khan) ने इस बात की पुष्टि कर दी है। भले ही कादर खान अब हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनकी एक फिल्‍म अभी भी लोगों को हंसाने के लिए तैयार है। कादर खान 'हेराफेरी' सीरीज की तीसरी फिल्‍म में नजर आएंगे।

नीरज वोरा, अहमद खान के निर्देशन में बन रही फिल्‍म 'हेराफेरी-3' को लेकर दर्शकों में अभी से काफी उत्‍सुकता है। इस फिल्‍म में एक ओर जहां परेश रावल की कॉमिक टाइमिंग दिखाई देगी तो वहीं कादर खान के अभिनय का तड़का लगेगा। इस फिल्‍म को देखने के बाद हंसी रोकपाना मुश्‍किल नहीं होगा। हेराफेरी-3 जुलाई 2019 में दर्शकों के सामने होगी। 90 के दशक में गोविंदा और कादर खान की जोड़ी को हिट फॉर्मूला माना जाता था और इन दोनों ने 'दूल्हे राजा', 'कुली न 1', 'राजा बाबू' और 'आँखे' जैसी फिल्मों में काम किया। इसके अलावा वो 'कुली' में अमिताभ के साथ, 'हिम्मतवाला' में जीतेंद्र के साथ महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा चुके हैं।

कादर खान को एक्टर के तौर पर सब जानते हैं। लेकिन उनकी एक पहचान जो उनके अंदर के एक्टर से कहीं ज्यादा है वो हैं कादर खान के डायलॉग्स। अमिताभ बच्चन के सुपरस्टार बनने में कादर खान द्वारा लिखे डायलॉग्स का बड़ा योगदान है। हम आपके लिए लाए हैं उनके 10 खास डायलॉग्स।

- 1983 में रिलीज हुई कुली में अमिताभ के किरदार में जान डालने वाले संवाद कादर खान ने ही लिखे थे। 'बचपन से सर पर अल्लाह का हाथ और अल्लाहरख्खा है अपने साथ, बाजू पर 786 का है बिल्ला, 20 नंबर की बीड़ी पीता हूं और नाम है 'इकबाल'।' - फिल्म कुली, 1983

- 'सुख तो बेवफा है आता है जाता है, दुख ही अपना साथी है, अपने साथ रहता है। दुख को अपना ले तब तकदीर तेरे कदमों में होगी और तू मुकद्दर का बादशाह होगा।' - मुकद्दर का सिकंदर, 1978 (फकीर बाबा बने कादर खान जिंदगी का मर्म अमिताभ को समझाते हैं।)

- 'मालिक मुझे नहीं पता था कि बंदूक लगाए आप मेरे पीछे खड़े हैं। मुझे लगा, मुझे लगा कि कोई जानवर अपने सींग से मेरे पीछे खटबल्लू बना रहा है।'- हिम्मतवाला (1983)। अमजद खान के हंसोड़ मुंशी का किरदार निभाने वाले कादर को इस फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन का फिल्मफेयर मिला था।

- 'आप हैं किस मर्ज की दवा, घर में बैठे रहते हैं, ये शेर मारना मेरा काम है? कोई मवाली स्मग्लर हो तो मारूं मैं शेर क्यों मारूं, मैं तो खिसक रहा हूं और आपमें चमत्कार नहीं है तो आप भी खिसक लो।' - मिस्टर नटवरलाल, 1979। फिल्म में अमिताभ ने भगवान से बात करते हुए यह डॉयलाग्स कहा था।

- 'ऐसे तोहफे (बंदूकें) देने वाला दोस्त नहीं होता है, तेरे बाप ने 40 साल मुंबई पर हुकूमत की है इन खिलौनों के बल पर नहीं, अपने दम पर।' - अंगार (1992)

- 'दारू पीता नहीं है अपुन, क्योंकि मालूम है दारू पीने से लीवर खराब हो जाता है, लीवर।'- सत्ते पे सत्ता (1982), यह डॉयलाग्स अमिताभ शराब के नशे में बोलते हैं।

- 'विजय दीनानाथ चौहान, पूरा नाम, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान, गांव मांडवा, उम्र 36 साल 9 महीना 8 दिन और ये सोलहवां घंटा चालू है।' - अग्निपथ (1990)

- 'तुम्हें बख्शीश कहां से दूं, मेरी गरीबी का तो ये हाल है कि किसी फकीर की अर्थी को कंधा दूं तो वो उसे अपनी इंसल्ट मान कर अर्थी से कूद जाता है।'- बाप नंबरी बेटा दस नंबरी (1990) में चालाक ठग का किरदार निभाने वाले कादर का एक मशहूर सीन है यह।

- 'कहते हैं किसी आदमी की सीरत अगर जाननी हो तो उसकी सूरत नहीं उसके पैरों की तरफ देखना चाहिए, उसके कपड़ों को नहीं उसके जूतों की तरफ देख लेना चाहिए।'- हम (1991) में कादर खान का डबल रोल था और आर्मी कर्नल के किरदार में यह डायलॉग उन्होंने बोले थे।