मीटू ( #MeToo ) के आरोपों से घिरे दिग्गज अभिनेता आलोक नाथ ( Alok Nath ) की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुंबई पुलिस ने टीवी अभिनेता के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर लिया है। विनता नंदा ( Vinta Nanda ) ने तकरीबन 40 दिन पहले आलोक नाथ पर मीटू के तरह यौन शोषण के आरोप लगाए थे। अभिनेता आलोक नाथ पर्दे पर अपनी 'संस्कारी' छवि के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने टीवी सीरियल बुनियाद सहित कई टीवी सीरियल और फिल्मों में काम किया है।
हालांकि आलोक नाथ ने इन आरोपों को झूठा बताया है। कुछ दिन पहले आलोक नाथ ने विनता नंदा के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। उनकी पत्नी ने 12 अक्टूबर को अम्बोली पुलिस स्टेशन में एक खत लिखा था। आलोक नाथ ने निचली अदालत से भी गुजारिश की थी कि वो उनके खिलाफ किए गए मानहानि मामले पर संज्ञान लें और इसकी जांच करवाएं।
गौर हो कि 1990 के दशक के मशहूर शो 'तारा' की लेखिका व निर्माता विनता नंदा ने अभिनेता आलोक नाथ पर करीब दो दशक पहले उनके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। विनता नंदा ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, मैंने इस क्षण के आने का 19 साल से इंतजार किया। नंदा द्वार पोस्ट में 'संस्कारी', 'मुख्य अभिनेता' और 'उस दशक का स्टार' जैसे शब्दों का जिक्र किया जाना आलोक नाथ की ओर इशारा कर रहा था।
विनता का आरोप था कि इस घटना के बाद वो इतना सहम गई थीं कि नशे में डूब गई थीं। विनता के आरोपों के बाद आलोक नाथ पर एक के बाद एक कई आरोप लगे। कई और अभिनेत्रियों ने भी उनके व्यवहार के बारे में खुलासे किए। हालांकि आलोक नाथ ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए विनता नंदा पर मानहानि को केस भी किया था।
'मी टू' मुहिम के दौरान जिन लोगों पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगे थे उनके खिलाफ प्राथमिक दर्ज करने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग करने वाली दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में बीते सोमवार को खारिज हो गईं। कोर्ट ने साफ किया कि जब पीड़िता खुद अदालत का रूख करेगी तभी मामले पर विचार किया जाएगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस के कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने वकील एमएल शर्मा और महेश कुमार तिवारी की ओर से दायर दो अलग-अलग पीआईएल को खारिज कर दिया।