इतिहास और कला के संगम से सजी सोनी टीवी की लोकप्रिय धारावाहिक 'चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान' न केवल दर्शकों को अपने भव्य दृश्य और कथानक से आकर्षित करता है, बल्कि इसके कलाकारों की व्यक्तिगत प्रतिभा भी इसे खास बनाती है। हाल ही में शो के लीड एक्टर उर्वा सवालिया ने अभिनय में अपनी असल जिंदगी की एक कला को बेहद खूबसूरती से पिरो दिया — और वह है शतरंज का खेल। जब रील और रियल का मेल हुआ शतरंज की बिसात पर
एक महत्वपूर्ण सीन में जब पृथ्वीराज और जयचंद के बीच शतरंज की बाजी चल रही थी, तब उर्वा के बचपन का शौक परदे पर जीवंत हो उठा। उनके द्वारा की गई हर चाल इतनी नैसर्गिक और वास्तविक लगी कि दर्शकों को वह केवल अभिनय नहीं, असली मुकाबला लगा।
शूट के दौरान भी छाया रहता है शतरंज का जुनून
सेट पर उर्वा अक्सर शतरंज खेलते नज़र आते हैं। कभी खुद खेलते हैं, तो कभी साथी कलाकारों को सिखाते हैं, जिससे शूटिंग के माहौल में एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। उनका कहना है कि यह खेल न केवल मनोरंजन देता है, बल्कि सोचने-समझने और संयम बनाए रखने की कला भी सिखाता है।
उर्वा बोले – शतरंज से मिली सोचने की गहराई
उर्वा सवालिया ने कहा, शतरंज मेरे दिल के बेहद करीब है। यह सिर्फ खेल नहीं, जिंदगी के कई अहम सबक सिखाता है – सोच-समझकर फैसले लेना, हर कदम पर संयम रखना और आगे की योजना बनाना। जब शो में इसे अपने किरदार में उतारने का मौका मिला, तो बहुत खुशी हुई।
उन्होंने आगे बताया कि जब वह सेट पर अपने सह-कलाकारों के साथ शतरंज खेलते हैं या उन्हें सिखाते हैं, तो माहौल में अपनापन और सीखने का भाव दोनों जुड़ जाते हैं।
‘चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान’ जैसे ऐतिहासिक शो की सफलता केवल उसकी कहानी या सेट डिजाइन में नहीं, बल्कि उसमें काम कर रहे कलाकारों की भावनात्मक गहराई में भी छिपी होती है। उर्वा सवालिया ने साबित किया कि जब रील लाइफ में रियल लाइफ का जुनून जुड़ता है, तो नतीजा कुछ खास ही होता है।
यह शो हर सोमवार से शुक्रवार, रात 7:30 बजे सोनी टीवी पर प्रसारित होता है।