
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने हाल ही में खुलासा किया है कि उनकी सुपरहिट फिल्म दंगल को पाकिस्तान में रिलीज़ करने से उन्होंने इनकार कर दिया था। वजह बनी फिल्म में मौजूद वह दृश्य, जो भारत की जीत और राष्ट्रीय गर्व से जुड़ा था।
साल 2016 में रिलीज हुई दंगल भारतीय बॉक्स ऑफिस पर ऐतिहासिक सफल रही और दुनियाभर में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है। लेकिन इस फिल्म को पाकिस्तान में कभी रिलीज़ नहीं किया गया। अब आमिर खान ने खुद बताया है कि ऐसा क्यों हुआ।
आमिर खान के मुताबिक, पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने फिल्म के उस दृश्य पर आपत्ति जताई जिसमें गीता फोगाट की ऐतिहासिक जीत के बाद स्टेडियम में तिरंगा लहराया जाता है और राष्ट्रगान की धुन बजती है। सेंसर बोर्ड चाहता था कि फिल्म से यह हिस्सा हटाया जाए।
लेकिन आमिर खान ने इस शर्त को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि अगर फिल्म से भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों को हटाना होगा, तो वह फिल्म पाकिस्तान में नहीं दिखाएंगे।
एक इंटरव्यू में आमिर ने कहा, हमसे कहा गया कि अगर तिरंगा और राष्ट्रगान वाला दृश्य हटाया जाए, तभी फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज की अनुमति मिलेगी। लेकिन हमने साफ मना कर दिया। हमारे लिए यह दृश्य फिल्म की आत्मा था, और इसमें कोई समझौता नहीं किया जा सकता था।
फिल्म की पृष्ठभूमिदंगल हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगाट और उनकी बेटियों गीता-बबीता की सच्ची कहानी पर आधारित है। नितेश तिवारी के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने न केवल महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश की, बल्कि खेलों के जरिए देशभक्ति की भावना को भी परदे पर सजीव कर दिया।
चीन में यह फिल्म अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी और वहां भी जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की।
पाकिस्तान में दंगल की रिलीज़ रुकवाने की कोशिश उस मानसिकता को उजागर करती है, जहां राष्ट्रीय गौरव से जुड़ी बातों को सेंसर करने की कोशिश होती है। लेकिन आमिर खान के फैसले ने दिखा दिया कि सिनेमा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक विचारधारा और आत्मसम्मान का भी प्रतीक होता है।