धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना क्यों जरूरी है? जानिए इसके अहम फायदे और सही तरीका

सर्दी हो या गर्मी, सुबह की हल्की धूप में निकलना सभी को अच्छा लगता है। यह सूरज की हल्की किरणें हमारे शरीर के लिए लाभकारी होती हैं और विटामिन D प्रदान करती हैं, जो हड्डियों और इम्यूनिटी के लिए जरूरी है। लेकिन बदलते पर्यावरण और प्रदूषण के कारण अब धूप केवल लाभकारी नहीं रही, बल्कि हमारी त्वचा के लिए खतरा भी बन गई है। सूरज की UV किरणें त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे स्किन एलर्जी, सनबर्न, समय से पहले झुर्रियां और यहां तक कि स्किन कैंसर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इन सभी से बचाव का सबसे आसान और असरदार तरीका है—हर दिन घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल।

अक्सर लोग सोचते हैं कि सनस्क्रीन केवल सुंदरता बढ़ाने के लिए होती है, लेकिन इसका असली महत्व सूरज की हानिकारक किरणों से त्वचा की रक्षा करना है। नियमित रूप से सनस्क्रीन लगाने से त्वचा को UVB किरणों से सुरक्षा मिलती है, जो सनबर्न और समय से पहले उम्र बढ़ने का कारण बनती हैं। UVB किरणें इतनी शक्तिशाली होती हैं कि कांच के पार भी पहुंच सकती हैं, इसलिए घर या गाड़ी के अंदर होने पर भी ये हमें नुकसान पहुंचा सकती हैं।

सनस्क्रीन त्वचा पर एक सुरक्षात्मक परत बना देती है, जिससे तेज धूप में जलन और लाल निशान जैसी परेशानियों से बचाव होता है। यह त्वचा की कोशिकाओं के DNA को भी सुरक्षित रखती है, जिससे स्किन कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। लंबे समय तक धूप में रहने वाले लोगों की त्वचा पर धीरे-धीरे धब्बे, एलर्जी और मेलाज़्मा जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

आजकल की सनस्क्रीन में विटामिन E जैसे एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं, जो त्वचा को नमी, सुरक्षा और जरूरी देखभाल प्रदान करते हैं। इसका सही चुनाव आपकी त्वचा के प्रकार के अनुसार होना चाहिए—ऑयली, ड्राई, सेंसिटिव या मुंहासों वाली त्वचा के लिए अलग-अलग सनस्क्रीन उपलब्ध हैं।

सनस्क्रीन का SPF हमेशा कम से कम 30 होना चाहिए। इससे कम SPF वाली सनस्क्रीन धूप से पर्याप्त सुरक्षा नहीं देती। रोजाना सही SPF वाली सनस्क्रीन लगाने से आप सूरज की हानिकारक किरणों से अपनी त्वचा को लंबे समय तक स्वस्थ, जवान और सुरक्षित रख सकते हैं।