International Yoga Day: कील-मुहांसे, रूखी और बेजान त्वचा से मिलेगा छुटकारा, आज से ही शुरू करे ये 7 आसन

हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सेलिब्रेट किया जाता है। योग दिवस की शुरुआत 2015 को हुई थी, जिसके बाद हर साल 21 जून को दुनियाभर में योग दिवस मनाया जाता है। योग दिवस का महत्व यही है कि लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता फैलाई जा सके। योग, प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करके हम फिर से पूर्ण रूप से स्वस्थ बन सकते हैं। ऐसे में इस साल योग दिवस पर हम आपको कुछ ऐसे योग के बारे में बताने जा रहे है जिनकी मदद से आप अपने चेहरे की खोई हुई रौनक को वापिस पा सकते है या सकती हैं।

दरअसल, गलत खानपान और आदतों के चलते हेल्थ के साथ-साथ चेहरे की चमक भी कम होती चली जाती है। चेहरे पर समय से पहले नजर आने वाली झुर्रियों की सबसे बड़ी वजह तनाव और हमारी अनहेल्दी लाइफस्टाइल होती है। बहुत ज्यादा स्मोकिंग, एल्कोहल, ड्रग्स और तला-भुना खाना हेल्थ के साथ स्किन के लिए भी नुकसानदायक होता है। जिसकी वजह से डाइजेशन बिगड़ता है और कई तरह के हार्मोनल बदलाव भी देखने को मिलते हैं। जो कील-मुहांसों, रूखी और बेजान त्वचा के रूप में सामने आता है। तो चलिए जानते है कुछ ऐसे योगासनों के बारे में जो आपके लिए फायदेमंद रह सकते हैं...

बालासन

बालासन दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ बच्चे की तरह बैठना है। इस मुद्रा में बच्चे अधिक रहते हैं। यह एक विन्यास योग है, जिसे कम से कम 3 मिनट तक जरूर करना चाहिए। यह एक ऐसा योग है, जिसे एक ही मुद्रा में किया जाता है। यह एक प्रकार से ध्यान मुद्रा का रूप है, जिसमें किसी दोहराव अथवा बदलाव की जरूरत नहीं होती है। इस योग से जांघों, कूल्हों और टखनों में खिंचाव पैदा होता है। चेहरे की चमक और खूबसूरती बढ़ाने के लिए ये बेहतरीन योगास है। बालासन योग की स्थिति में चेहरे की तरफ रक्त संचार बढ़ता हैं जिससे चेहरे का निखार आता हैं और साथ ही चेहरे की झुर्रियां भी ठीक होने लगती हैं। बालासन करने के लिए सबसे पहले किसी स्वच्छ वातावरण में दरी अथवा चटाई बिछा लें। अब सूर्य की ओर मुखकर अपने पैरों को मोड़कर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद सांस लेते वक्त अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं। जबकि सांस छोड़ते समय आगे की तरफ झुकें। यह क्रम तब तक जारी रखें। जब तक आपकी हथेलियां ज़मीन को न छू जाएं। इसके बाद अपने सिर को ज़मीन पर टिका दें। इस मुद्रा में आने के बाद शरीर को अनवरत छोड़ दें और आराम महसूस करें। सांस लें और सांस छोड़ें। हालांकि, सांस आराम से लें। इसमें कोई जल्दबाजी न करें। इस मुद्रा में 1 से 3 मिनट तक रह सकते हैं। इसे रोजाना कम से कम 5 बार जरूर करना चाहिए। यह आसन जांघों, कूल्हों और टखनों में मजबूती प्रदान करता है। साथ ही कमर दर्द में भी राहत देता है।

मत्स्यासन

मत्स्यासन के दौरान आपका शरीर एक मछली के आकार में होता है। इसलिए इस आसन का नाम मत्स्यासन रखा गया है। मत्स्यासन में सिर के सहारे कंधे और कमर को ऊपर उठाकर बैलेंस किया जाता है। जिससे ब्लड फ्लो सिर की ओर होता है। बॉडी को रिलैक्स करने के साथ ग्लोइंग स्किन चाहिए तो इस आसन को जरूर करें। मत्स्यासन योग आसान है लेकिन इसमें बेहतर ढंग से अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसके लिए किसी योग विशेषज्ञ से आसन के सही क्रम के बारे में जान लेना बेहतर माना जाता है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को पद्मासन की मुद्रा में लेकर आएं। जांघें और घुटने फर्श पर रखते हुए सांस खींचते हुए सीने को ऊपर की तरफ उठाएं। सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन पर ही रखें। कुछ समय तक इस स्थिति में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पूर्ववत स्थिति में आ जाएं। मत्स्यासन करने से तनाव और चिंता को भी कम किया जा सकता है।

शीर्षासन

शीर्षासन को आसनों का राजा कहा जाता हैं। खूबसूरती के लिए योग की बात आते ही शीर्षासन का जिक्र हमेशा किया जाता हैं। शीर्षासन की स्थिति में सिर नीचे जमीन पर और पैर ऊपर की ओर होते हैं, जिसके कारण ब्लड का संचार चेहरे और सिर की तरफ होता हैं। चेहरे की तरफ ब्लड संचार बढ़ने से चेहरे पर चमक बढती हैं, चेहरे पर लालिमा आती हैं और चेहरा खूबसूरत और जवां दिखने लगता हैं। शीर्षासन एक एंटी एजिंग योग हैं जो चेहरे की झुर्रियों को दूर करने और चेहरे पर कसावट लाने में सहायक हैं। चेहरे के साथ साथ बालों के लिए भी शीर्षासन बहुत फायदेमंद होता हैं। साथ ही शीर्षासन रोगप्रतिरोधक क्षमता और कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है। शीर्षासन करने के लिए सबसे पहले खाली पेट, समतल स्थान पर कंबल या दरी बिछा ले। वज्रासन में बैठकर, हाथों की अंगुलियों को आपस में फंसा लें। माथे से ऊपर जहां से बाल शुरू होते हैं, वहां से चार अंगुल ऊपर सिर पर हाथों को रखें। अब आगे झुकते हुए माथे को ज़मीन पर रख लें। दोनों हाथों की कोहनियों को जमीन पर टिका दें और हाथों की उंगलियों को आपस में अच्छी तरह से फंसाकर रखें। सांस की गति सामान्य रखते हुए हाथों पर ज़ोर डालते हुए, शरीर का भार सिर पर लाएं और सबसे पहले नितंबों को ऊपर की ओर उठाएं, फिर धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाते जाएं। शरीर का भार सिर पर आ जाएगा। शरीर को ऊपर की ओर सीधा कर लें। यहाँ पैर, कमर,व सर एक सीध में हो जाएंगे। शुरुआत में दीवार के सहारे या किसी का सहयोग लेकर इसका अभ्यास करें। ध्यान रहे जिन लोगों को ब्लड प्रेशर, हार्ट संबंधी बीमारी, आंखों की कमजोरी, कमर दर्द, गर्दन दर्द और असिडिटी जैसी परेशानियां हैं वे इस आसन को न करें।

सिंहासन

सिंहासन भी त्वचा पर चमक बढ़ाने वाला योग है। सिंहासन में शरीर की स्थिति जंगल में दहाड़ मारते सिंह की तरह होती हैं, सिंहासन पोजीशन में चेहरे पर खिचाव पड़ता हैं साथ ही चेहरे पर ब्लड फ्लो भी तेज होता हैं। उम्र से पहले जिन लोगों के चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगी है या फिर चेहरे की स्किन बहुत ज्यादा ढीली हो गयी हो उन लोगों के लिए यह एक बेहतरीन योगासन हैं। सिंहासन से चेहरे पर कसावट आती हैं और नियमित अभ्यास से चेहरे की झुर्रियां दूर होती हैं। फेस पर ग्लो लाने के लिए एक्सरसाइज में सिंहासन को जरूर शामिल करें। सिंहासन करने के लिए सबसे पहले आप अपने पैरों के पंजों को आपस में मिलाकर उस पर बैठ जाएं। दोनों एडि़यों को अंडकोष के नीचे इस प्रकार रखें कि दाईं एड़ी बाईं ओर तथा बाईं एड़ी दाईं ओर हो और ऊपर की ओर मोड़ लें। पिंडली की हड्डी का आगे के भाग जमीन पर टिकाएं। हाथों को भी जमीन पर रखें। मुंह खुला रखे औरऔर जितना सम्भव हो सके जीभ को बाहर निकालिये। आंखों को पूरी तरह खोलकर आसमान में देखिये। नाक से श्वास लीजिये। सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए गले से स्पष्ट और स्थिर आवाज निकालिये। यह सिंहासन है। यह एक बार हुआ। इस तरह से इसको आप 10 बार कर सकते हैं। अगर कोई परेशानी हो तो इसको ज्यादा बार कर सकते हैं।

अधोमुख श्वान आसन

चेहरे की खूबसूरती के लिए अधोमुख श्वान आसन एक अच्छा योगासन हैं। अधोमुख श्वानासन मुख्य रूप से 3 शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है 'अधोमुख' जिसका अर्थ होता है नीचे की तरफ मुंह करना, जबकि दूसरा शब्द है 'श्वान' जिसका अर्थ कुत्ता होता है। तीसरा शब्द है 'आसन' जिसका अर्थ है बैठना। अधोमुख श्वान आसन को डाउनवर्ड फेसिंग डॉग भी कहा जाता है, जिसका अर्थ हैं कुत्ते के समान मुद्रा। अधोमुख श्वान आसन में चेहरे और सिर की तरफ ब्लड फ्लो तेज होता हैं। इस आसन को करते समय चेहरे की गर्मी बढ़ जाती हैं और चेहरा लाल हो जाता हैं, चेहरे पर ब्लड फ्लो तेज होने से ऐसा होता हैं, जिसका फायदा चेहरे को मिलता हैं। नियमित इस आसन के अभ्यास से चेहरे का ग्लो बढ़ता हैं साथ ही बालों के स्वास्थ्य, मोटापा कम करने और कमर दर्द के लिए भी अधोमुख श्वान आसन लाभकारी होता हैं। अधोमुख श्वानासन करने के लिए सबसे पहले आप मीन पर एकदम सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को आगे करते हुए नीचे जमीन की ओर झुक जाएं। झुकते समय आपके घुटने सीधे होने चाहिए। आपके दोनों हाथ कंधे के बराबर नहीं बल्कि इससे थोड़ा सा पहले झुका होना चाहिए। अब अपने हाथों की हथेलियों को झुकी हुई अवस्था में आगे की ओर फैलाएं और उंगलियां सीधी रखें। सांस छोड़ें और घुटनों को अधोमुख श्वानासन मुद्रा के लिए हल्का सा धनुष के आकार में मोड़ें। इसके बाद हाथों को पूरी तरह जमीन पर कंधों के नीचे से आगे की ओर फैलाए रखें। अब अपने घुटनों को जमीन पर थोड़ा और झुकाएं और कूल्हों को जितना संभव हो ऊपर उठाएं। ध्यान रखें कि सिर हल्का सा जमीन की ओर झुका होना चाहिए और पीठ के बराबर होना चाहिए।
यह अवस्था अधोमुख श्वानासन की है।

भुजंगासन

भुजंगासन की मदद से आप बड़ी आसानी से चेहरे पर चमक ला सकते हैं। यह एक एंटी एजिंग योगा हैं जो आपके चेहरे को लंबे समय तक जवां बनाये रखता हैं। भुजंगासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है- भुजंग और आसन। भुजंग का मतलब है सांप (कोबरा) और आसन का मतलब है मुद्रा। इसलिए इस योगासन का अभ्यास करते हुए उस कोबरा के पोस्चर में होना है जिसने अपना हुड उठाया हो। भुजंगासन आपके मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है। भुजंगासन चेहरे पर निखार लाने, वजन कम करने, कमर दर्द में राहत देने, फिट रहने और फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता हैं। भुजंगासन करने के ले सबसे पहले जमीन पर मैट बिछाएं और उस पर पेट के बल लेट जाएं। अपने पैर सीधे और खुले रखें और हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध में रखें। शरीर को सहज अवस्था में रखें। अब अपने पैरों को आपस में मिलाएं और हाथों को अपने सामने सीधा बढ़ाएं। माथे को जमीन पर रखें। अब हाथों को सीने की तरफ वापस खींच लें और हथेलियों को जमीन पर सीने के पास रखें। गहरी सांस लेते हुए अपनी अपर बॉडी को ऊपर की तरफ उठाएं। आपकी कोहनी इस दौरान शरीर के साथ सीधी रेखा में होनी चाहिए। पैरों को इस तरह स्ट्रेच करें कि आपको अधिक खिंचाव महसूस ना हो। सिर को जितना हो सके ऊपर की तरफ उठाएं। इस स्थिति में 15-30 सेकेंड के लिए रूकें। उसके बाद गहरी सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं और इस आसन को फिर से दोहराएं।

त्रिकोणासन

त्रिकोणासन की मदद से भी आप सुंदर दिख सकते हैं। त्रिकोणासन में शरीर का आकर त्रिभुज की तरह दिखाई देता हैं, शारीरिक संतुलन को बनाये रखने के लिए त्रिकोणासन एक बहुत अच्छा आसन हैं। साथ में यह चेहरे पर चमक बढ़ाने में भी बहुत सहायक होता हैं। त्रिकोणासन की पोजीशन में खून का प्रभाव तेज होता हैं, जो चेहरे का ग्लो बढ़ाने में मददगार हैं। त्रिकोणासन में अपनी क्षमता के अनुसार ही नीचे झुकना चाहिए। इस आसन को करने से कमर दर्द में आराम मिलता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और मानसिक तनाव से भी छुटकारा मिलता है। त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले स्वच्छ और समतल भूमि पर दरी बिछा लें। अब सूर्य नमस्कार की मुद्रा में खड़े होकर सूर्य देव को नमस्कार करें। इसके बाद अपने पैरों के बीच एक गज की दूरी बना लें। अब बाएं हाथ को हवा में लहराते ऊपर ले जाएं, जबकि दाहिने हाथ से अपने दाएं पैर को छूने की कोशिश करें। ध्यान रहें कि इस योग को करने के समय आपका शरीर 90 डिग्री के कोण में स्थित रहें। इस मुद्रा में कुछ समय तक रुकें। इसके बाद पुनः पहली मुद्रा में आ जाएं। इस योगासन को दोनों दिशा में दोहराएं। जबकि रोजाना कम से कम 10 बार जरूर करें।