गर्मी के मौसम में स्किन से जुड़ी समस्याएं (सनबर्न, एक्ने, इन्फेक्शन) बहुत ज्यादा होती हैं। चेहरे को खूबसूरत बनाए रखने और इन समस्याओं से बचाने के लिए आपको इस मौसम में खानपान, स्किन केयर रूटीन और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्मी के मौसम में लोग स्किन को बेहतर बनाए रखने के लिए तमाम तरह के केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल भी करते हैं जिसकी वजह से कई बार आपकी स्किन को गंभीर नुकसान होता है। केमिकल युक्त ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल, अत्यधिक पसीना और धूप में रहने के कारण गर्मी के मौसम में आपको स्किन से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में इस मौसम में कुछ तरह के एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है ध्यान रखें कि इसे कभी भी त्वचा पर डायरेक्ट इस्तेमाल न करें। क्योंकि ऐसा करने से त्वचा जल सकती है। यहां बताए गए ऑयल के साथ नारियल, जैतून या बादाम का तेल मिक्स करना बेहतर विकल्प है।
रोजमैरी का तेलगर्मियों में अधिक पसीना आना कई सारे कीटाणु साथ लेकर आता है। अगर आप इससे छुटकारा चाहते हैं, तो अपने नहाने के पानी में रोजमैरी ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर या इसे किसी बेस ऑयल के साथ मिलाकर लगाएं। इसमें पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण कीटाणुओं को मार देंगे और आपके दिमाग पर एक अच्छा प्रभाव डालेंगे।
नींबू का तेलगर्मियों में नींबू का पानी पीने और सलाद में इसे मिलाने के अलावा नींबू के तेल को स्टोर करके रखना बहुत फायदेमंद साबित होगा। नींबू के तेल में साइट्रिक एसिड और लिमोनेन जैसे दो मुख्य प्राकृतिक ब्लीचर्स हैं जो त्वचा के दाग-धब्बों को हल्का करने और स्किन की टोन को हल्का करने में मदद करते है।
चंदन का तेलचंदन के पाउडर का इस्तेमाल मुंहासों और त्वचा की लालिमा को कम करने के लिए किया जाता है। चंदन का तेल धूप से झुलसी त्वचा को शांत करने के अलावा त्वचा पर आने वाली सूजन को भी बहुत जल्दी ठीक कर देता है। रात की स्किनकेयर रूटीन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए इसे बादाम के तेल के साथ मिलाएं।
अरंडी का तेलयह तेल मुंहासे, उम्र बढ़ने के प्रभाव और त्वचा के निर्जलीकरण में सहायक है। यह त्वचा का रंग भी साफ करता है और स्किन पोर्स में अतिरिक्त तेल को जमा होने से भी रोकने के लिए भी फायदेमंद है। अरंडी का तेल एक आम वनस्पति तेल है जिसे कैस्टर बीन्स से निकाला जाता है। इसमें प्राकृतिक एंटीवायरल और रोगाणुरोधी गुण भी होते हैं, जो त्वचा की समस्याओं जैसे डर्मेटोसिस और फंगल संक्रमण को रोकता है।
कैरेट सीड ऑयलगाजर के बीज के तेल में बीटा-कैरोटीन शामिल है, जिसके कारण यह त्वचा का रंग लाइट करने के काम आता है। इसे लगाने से पिगमेंटेशन और झुर्रियां दूर होती हैं और स्किन में कसाव आता है।
टी-ट्री ऑयलटी-ट्री ऑयल मुंहासों के निशान, त्वचा की रंगत और त्वचा के अन्य नुकसान के इलाज के लिए एक प्रभावी उपाय है। टी-ट्री ऑयल चाय के पत्तों से निकाला जाता है। इसे अरोमाथेरेपी में और एंटीसेप्टिक के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसे किसी भी वाहक तेल के साथ मिलाकर त्वचा पर लगाया जा सकता है या सौंदर्य प्रसाधनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
पुदीने का तेलक्या आपने कभी पुदीने के तेल के बारे में सुना है। शायद नहीं। लेकिन पुदीने की महक जिस तरह हमें तरोताजा महसूस कराती है, ठीक उसी तरह इसमें पाए जाने वाले गुण सूजन और मतली को कम करने के लिए जाने जाते हैं। अगर आप चुभती-जलती गर्मी का अहसास कर रहे हैं, तो पुदीने के तेल की कुछ बूंदें गर्दन के पिछले हिस्से पर लगा लें। इससे आपको बहुत ठंडक और आराम मिलेगा। इतना ही नहीं गर्मियों में होने वाले कीड़ों को भी दूर भगाने में पेपरमिंट ऑयल बहुत असरदार होता है।
लैवेंडर का तेललैवेंडर के तेल से त्वचा और मानसिक स्वास्थ्य पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है। लैवेंडर के तेल में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण यह घाव और जलन के साथ खुजली को भी कम करने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं तनाव और चिंता से राहत देने के लिए लैवेंडर ऑयल बहुत अच्छा है।