Navratri 2019: मां कूष्माण्डा को समर्पित नवरात्रि का चौथा दिन, जानें पूजा विधि और स्त्रोत पाठ

आज नवरात्रि का चौथा दिन हैं जो कि मातारानी के कूष्माण्डा (Kushmanda) स्वरुप को समर्पित होता हैं। इस दिन सभी भक्तगण आस्थापूर्वक कूष्माण्डा स्वरुप की पूजा करते हैं और उनसे जीवन की सभी मनोकामनाओं की पूरी होने का आशीर्वाद (Blessing) चाहते हैं। आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सके इसके लिए आज हम मां कूष्माण्डा की पूजा विधि (Worship Method) और स्त्रोत पाठ लेकर आए हैं। इस तरह आस्थापूर्वक मां कूष्माण्डा की पूजा कर उनका आशीर्वाद पाए।

पूजा विधि

सर्वप्रथम कलश और उसमें उपस्थित देवी देवता की पूजा करनी चाहिए। तत्पश्चात माता के साथ अन्य देवी देवताओं की पूजा करनी चाहिए, इनकी पूजा (Worship) के पश्चात देवी कूष्माण्डा की पूजा करनी चाहिए। पूजा की विधि शुरू करने से पूर्व हाथों में फूल लेकर देवी (Devi) को प्रणाम करना चाहिए। इसके बाद व्रत, पूजन का संकल्प लें और वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों द्वारा मां कूष्माण्डा (Kushmanda) सहित समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा करें। इसमें आवाहन, आसन, पाद्य, अध्र्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, सौभाग्य सूत्र, चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, बिल्वपत्र, आभूषण, पुष्प-हार, सुगंधित द्रव्य, धूप-दीप, नैवेद्य, फल, पान, दक्षिणा, आरती, प्रदक्षिणा, मंत्र पुष्पांजलि आदि करें। तत्पश्चात प्रसाद वितरण कर पूजन संपन्न करें।

स्तोत्र पाठ

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दरिद्रादि विनाशनीम्। जयंदा धनदा कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
जगतमाता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम्। चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥
त्रैलोक्यसुन्दरी त्वंहिदुःख शोक निवारिणीम्। परमानन्दमयी, कूष्माण्डे प्रणमाभ्यहम्॥