Navratri 2019: मां कात्यायनी को समर्पित नवरात्रि का छठा दिन, जानें पूजा विधि और स्त्रोत पाठ

आज नवरात्रि का छठा दिन हैं जो कि मातारानी के कात्यायनी (Katyayani) स्वरुप को समर्पित होता हैं। इस दिन सभी भक्तगण आस्थापूर्वक कात्यायनी स्वरुप की पूजा करते हैं और उनसे जीवन की सभी मनोकामनाओं की पूरी होने का आशीर्वाद (Blessing) चाहते हैं। आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सके इसके लिए आज हम मां कात्यायनी की पूजा विधि (Worship Method) और स्त्रोत पाठ लेकर आए हैं। इस तरह आस्थापूर्वक मां कात्यायनी की पूजा कर उनका आशीर्वाद पाए।

पूजा विधि

सर्वप्रथम कलश और उसमें उपस्थित देवी देवता की पूजा करें फिर माता के परिवार में शामिल देवी देवता की पूजा (Worship) करें। इनकी पूजा के पश्चात देवी कात्यायनी जी की पूजा कि जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र (Mantra) का ध्यान किया जाता है।

देवी की पूजा के पश्चात महादेव और परम पिता की पूजा करनी चाहिए। श्री हरि की पूजा देवी लक्ष्मी (Laxmi) के साथ ही करनी चाहिए। मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यन्त दिव्य और स्वर्ण के समान चमकीला है. यह अपनी प्रिय सवारी सिंह पर विराजमान रहती हैं। इनकी चार भुजायें भक्तों को वरदान देती हैं, इनका एक हाथ अभय मुद्रा में है, तो दूसरा हाथ वरदमुद्रा में है अन्य हाथों में तलवार तथा कमल का फूल (Lotus) है।

स्तोत्र पाठ

कंचनाभा वराभयं पद्मधरा मुकटोज्जवलां। स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकार भूषितां। सिंहस्थितां पदमहस्तां कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥
परमांवदमयी देवि परब्रह्म परमात्मा। परमशक्ति, परमभक्ति,कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥