भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह के उत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता हैं। आज के दिन भगवान भोलेनाथ की आराधना कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। मान्यता है कि इस दिन महादेव का व्रत रखने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। महादेव की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है व कष्टों का निवारण होता है। आज इस कड़ी में हम आपको महाशिवरात्रि पर किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो जीवन में सौभाग्य के साथ सुख-शांति का आगमन करेंगे। इसी के साथ हम आपको व्रत करते समय क्या करें और क्या नहीं इसकी जानकारी भी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...
महाशिवरात्रि के इन उपायों से मिलेगा सौभाग्य - शिवलिंग पर बिल्व पत्र, सफेद रंग के फूल, गंगा जल, पवित्र राख, चंदन का लेप और दूध चढ़ाएं। इससे भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
- भगवान शिव के प्रिय बैल या गाय माता को शिवरात्रि के दिन चीनी वाली रोटी खिलाएं। मान्यता है कि इससे घर में अन्न-धन्न में बरकत रहती है।
- पानी में काले तिल मिलाकर इस दिन शिवलिंग अभिषेक करने से मन को शांति मिलती है।
- शिवरात्रि पर नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाने से घर की सभी परेशानियां दूर होती है।
- इस दिन शिवलिंग पर तिल व जौ चढ़ाने से सभी पापों का नाश होता है।
- विवाह में अड़चन आ रही है तो शिवलिंग पर दूध में केसर मिलाकर अर्पित करें।
- शिवरात्रि पर ही नहीं, नियमित मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना अच्छा माना जाता है।
- शिवलिंग पर इस दिन एक आंकड़े का फूल चढ़ाना, सोने के दान के बराबर फल देता है।
- शास्त्रों में बताया गया है कि शिवरात्रि पर गरीबों को अन्न दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
- मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि पर बेल वृक्ष के नीचे खड़े होकर खीर और घी का दान करने से महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है।
- महाशिवरात्रि पर 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु का खतरा कम होता है।
- मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ का गन्ने के रस से अभिषेक करने से धन में बरकत बनी रहती है।
व्रत करते समय क्या करें?- सूर्योदय से दो घंटे पहले उठें और सबसे पहले भगवान शिव या अपने ईष्ट देव का ध्यान करें।
- स्नान करें और पूजा के लिए साफ व सफेद-लाल कपड़े पहनें क्योंकि यह रंग भगवान शिव को प्रिय हैं।
- निशिता काल के दौरान पूजा करें। शिवलिंग पर कच्चा दूध, पंचामृत, बेलपत्र, भांग धतूरा, गुड़-शक्कर, फल, दही, फूल आदि चढ़ाएं।
- ऊं नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। साथ ही शिवरात्रि की कथा सुनें या पढ़ें।
- व्रत का पालन करें और फल, दूध, सुखे मेवे आदि का सेवन करें। इस दिन नमक का सेवन वर्जित माना जाता है।
- दिन में दो बार सुबह-शाम ज्योत जलाएं और शिव चालीसा या शिवरात्री कथा का पाठ करें।
- शिव पूजन के समय शिवलिंग पर भस्म चढ़ाना शुभ माना गया है।
व्रत करते समय क्या न करें?- महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले लोगों को गेहूं, चावल और दाल के सेवन से बचना चाहिए।
- व्रत अनुष्ठान करते समय शिव लिंग की पूर्ण परिक्रमा न करें। एक अर्धवृत्त में घूमें और वापिस वहीं आ जाएं जहां से आपने शुरुआत की थी।
- प्याज, लहसुन और मांस का सेवन न करें।
- तंबाकू या शराब का सेवन न करें।
- शिवलिंग पर नारियल पानी न चढ़ाएं।
- महिलाएं शिवलिंग पर सिंदूर /कुमकुम न लगाएं। इसकी जगह चंदन का तिलक लगाएं।
- भक्तों को इस दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को रंग पसंद नहीं है।
- शिवरात्रि पर नाखून और बाल काटना भी वर्जित माना जाता है।
- व्रत के दौरान क्रोध व किसी का अपमान ना करें। इससे भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाएंगे।