व्यक्ति के सुखद और श्रेष्ठ जीवन के लिए हमारे पुराणों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं जिनका अनुसरण करने से कई समस्याएँ दूर हो जाती हैं। आज हम आपको विष्णु पुराण में वर्णित उन कामों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें अधिक समय तक नहीं किया जाना चाहिए फिर चाहे वह औरत हो या मर्द। क्योंकि इन कामों को अधिक देर तक किये जाने से स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियाँ भी उत्पन्न होने लगती हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में।
* स्नान (नहाना) करनानहाना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन अधिक समय तक नहाने पर स्वास्थ्य संबंधी नुकसान हो सकते हैं। सर्दी-जुकाम, बुखार हो सकता है। नहाने का काम जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी खत्म कर लेना चाहिए। सुबह-सुबह नहाना श्रेष्ठ माना गया है और सुबह के समय वातावरण में ठंडक होती है, अत: ऐसे समय में अधिक समय तक पानी में रहना हमें बीमार कर सकता है।
* सोनाअच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए जरूरी है कि हर रोज पर्याप्त नींद ली जाए। सोने का समय बहुत कम या ज्यादा होने पर स्वास्थ्य बिगड़ सकता है, मोटापा बढ़ सकता है। कई लोगों के साथ समस्या होती है कि उन्हें जल्दी नींद नहीं आ पाती है, करवट बदलते रहते हैं और फिर देर रात नींद आती है। सोने में भी अधिक समय नहीं लगाना चाहिए। जल्दी नींद आ जाए, इसके लिए हर रोज ध्यान और योग करना चाहिए। कुछ देर शारीरिक परिश्रम भी करना चाहिए।
* जागनाजागने के लिए सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त श्रेष्ठ बताया गया है। इस समय वातावरण साफ और पवित्र रहता है, जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। हर रोज जल्दी जागकर ध्यान-योग करने और टहलने पर शरीर निरोगी रहता है। जल्दी जागने के लिए रात को जल्दी सोना जरूरी है। अत: इन दोनों कामों भी हमें अधिक समय नहीं लगाना चाहिए।
* शय्यासेवन (काम क्रीड़ा)स्त्री-पुरुष को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि काम-क्रीड़ा यानी शय्यासेवन में अधिक समय न लगाएं। इस काम में बहुत अधिक समय लगाने से शरीर कमजोर हो सकता है। दोनों को ही स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
* व्यायाम करनाव्यायाम से शरीर हष्ट-पुष्ट रहता है, शरीर की रोग प्रतिरोधी बढ़ती है, मौसमी बीमारियों से सुरक्षा होती है, लेकिन व्यायाम में बहुत अधिक समय नहीं लगाना चाहिए। अधिक समय तक व्यायाम करने से थकान हो सकती है, शरीर में दर्द हो सकता है। अत: व्यायाम उतने ही समय तक करना चाहिए, जितना हमारा शरीर सहन कर सके।