प्रथम पूज्य श्री गणेश को क्यों कहते है विघ्नहर्ता,जाने

प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है। पुराणों में भी कहा गया है कि गणेश जी की भक्ति शनि सहित सारे ग्रहदोष दूर करने वाली भी बताई गई है। गणेश चतुर्थी या किसी भी बुधवार के दिन गणेश जी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और सभी तरह की रुकावटें दूर होती हैं।गणेश पूजन या किसी भी शुभ काम को करने से पहले इस मंत्र का जाप करना चाहिए-

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ:। निर्विध्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

इन उपायों को करने से दूर होंगी साड़ी परेशानिया-

# यदि आपका कोई काम नहीं बन रहा है, तो चार नारियल माला में पिरोकर गणेश जी को अर्पित करें।

# परीक्षा में बार-बार असफलता मिल रही है या इंटरव्यू में सफल नहीं हो रहे हैं, तो कच्चे सूत सात गांठ लगाकर जय गणेश, काटो क्लेश मंत्र का जाप कर उसे पर्स में रखें।

# भाग्य को अपने अनुकूल करने के लिए गणेश जी का जल से अभिषेक करें लड्डू का भोग लगाकर गणेश जी से प्रार्थना करें।

# सम्समया दूर करने के लिए हाथी को हरा चारा खिलाकर गणेश जी से प्रार्थना करें।

# धन प्राप्त करने के लिए स्नान करके साफ कपड़े पहने और शुद्ध घी व गुड़ का भोग लगाकर गाय को खिलाएं।

# क्रोध दूर करने के लिए लाल रंग के फूल गणेश जी पर चढ़ाएं, क्रोध दूर हो जाएगा।

# अगर आप बोलने में झिझकते हैं या वाणी के अन्य दोष जैसे तुतलाहट और हकलाहट है, जो गणेशजी को केले की माला बनाकर चढ़ाएं।

# परिवारिक कलह हो, तो बुधवार के दिन दूर्वा के गणेश जी की प्रतिकात्मक मूर्ति बनाकर घर के देवालय में स्थापित करें और प्रतिदिन इसकी विधि-विधान से पूजा करें।

# गणेश जी को तुलसी कभी नहीं चढ़ानी चाहिए, उन्हें विषम संख्या जैसे तीन, पांच, सात में दूर्वा चढ़ाने से लाभ मिलता है। घर के मुख्य दरवाजे पर गणेशजी की प्रतिमा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाती।