आखिर मंदिर में पूजा के बाद शंख से क्यों छिड़का जाता हैं जल?

मंदिर हो या घर भगवान की पूजा विधिवत की जाती हैं और उसमें कई चीजों को शामिल किया जाता हैं जो कि सकारात्मकता का संचार करें। इन्हीं चीजों में से एक हैं शंख जिसका इस्तेमाल घर और मंदिर दोनों जगह किया जाता हैं। वास्तु में भी शंख का विशेष महत्व मानते हुए इसे सकारात्मकता का संचार करने वाला माना गया हैं। आप सभी ने देखा होगा कि मंदिर में पूजा के बाद शंख में जल भरकर लोगों पर छिड़का जाता हैं। लेकिन क्या आपको जानते है कि पूजा के बाद शंख से जल क्यों छिड़का जाता है। शंख के पानी के छिड़काव से क्या होता है। आइए जानते हैं इसको लेकर धर्म और विज्ञान क्या कहते हैं।

जल के छिड़काव के फायदे

ब्रह्मवैवर्त पुराण में बताया गया है कि शंख में जल भरकर और फिर उस पर चंदन का टीका लगाकर छिड़क देने से वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है। इसलिए शंख में जलभकर हमेशा पूजा स्थल पर रखना चाहिए। इसके छिड़काव से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनता है। भगवान विष्णु का आयुध होने के कारण यह अत्यंत मंगलकारी है।

शंख की ध्वनि के फायदे

शंख के जल के साथ शंख की ध्वनि से भी सात्विक ऊर्जा का संचार होता है। जिस घर में हर रोज शंख बजाया जाता है, वहां कभी पैसों की कमी नहीं रहती। शंख की आवाज की कंपन्न सांस के रोगी के लिए बहुत लाभकारी होती है। साथ ही फेफड़ों का व्यायाम हो जाता है और स्वास्थ्य पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।

वास्तु में शंख के फायदे

वास्तु और फेंगशुई में भी घर में शंख रखने के फायदे बताए गए हैं। इसको घर या कार्यक्षेत्र में रखने से तरक्की आती है। साथ ही नेम और फेम के लिए शंख को घर की दक्षिण दिशा में रखनी चाहिए। ध्यान रहे कि शंख को घर में कहीं भी नहीं रखें, उसे या ता पूजा स्थल पर रखें या फिर लिविंग रूम में रखें। वहीं शिक्षा में सफलता के लिए घर के उत्तर-पूर्व में शंख को रखें।

मां लक्ष्मी के भाई हैं शंख

समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्नों में से एक शंख माता लक्ष्मी का सहोदर भाई है। इसलिए जहां शंख होता है वहां लक्ष्मी का वास जरूर होता है। वहीं स्‍वर्ग लोक में भी अष्‍ट सिद्धियों और नवनिधियों में शंख का महत्‍वपूर्ण स्‍थान है।

जानिए क्या कहता है विज्ञान

वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख के जल का पानी कभी खराब नहीं होता है। साथ ही उसके छिड़कने से मौजूद कई तरह के जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश हो जाता है। शंख में जो गंधक, कैल्सियम और फास्फोरस की मात्रा पाई जाती है, उसके अंश जल में आ जाते हैं। इसलिए शंख के जल को छिड़कने और पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है।