सावन का महीना चल रहा हैं जो कि शिव को अतिप्रिय है। इस महीने में की गई शिव की पूजा आपके जीवा में खुशियां लेकर आती है। लोग अपने घरों में शिव की प्रतिमा रख उसकी पूजा भी करते हैं ताकि शिव का आशीर्वाद मिलता रहें। लेकिन इसके साथ ही आपको यह भी ध्यान रखने की जरूरत होती हैं कि आप घर में शिव की कौनसी प्रतिमा लगा रहे हैं। आज इस कड़ी में हम आपको शिवजी की प्रतिमा से जुड़ी जरूरी जानकारी बताने जा रहे हैं।
किस दिशा में लगाएं
भगवान शिव का निवास स्थान कैलास पर्वत भी उत्तर दियाा में है, इसलिए उत्तर दिशा को इनकी प्रिय दिशा माना जाता है। इसलिए वास्तु में भी शिवजी की प्रतिमा या तस्वीर को उत्तर दिशा में लगाने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि इस दिशा में शिव प्रतिमा लगाने से आपके घर में एक विशेष प्रकार की आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।
ऐसी तस्वीर लगाना शुभ
अपने घर में आपको शिवजी की ऐसी तस्वीर लगानी चाहिए जिसमें वह प्रसन्न मुद्रा में और ध्यान की मुद्रा में बैठे हों। नंदी बैल को भगवान शिव की सवारी माना गया है इसलिए नंदी पर बैठी शिवजी की प्रतिमा लगाना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसी तस्वीर आपको सदैव आत्मिक शांति का एहसास करवाती है। परिवार के सदस्यों में प्यार बना रहता है।
इस बात का रखें ध्यान
भगवान शिव की मूर्ति जिस भी दिशा में लगा रहे हैं उस दिशा में सफाई का बेहद ध्यान रखने की जरूरत होती है। जिस दीवार पर भी तस्वीर लगाएं उस दीवार पर धूल न जमने दें, अन्यथा आपको इसके विपरीत प्रभाव भी देखने को मिल सकते हैं।
बेहद शुभ मानी जाती है शिवजी की ऐसी प्रतिमा
वास्तु के अनुसार, परिवार के साथ बैठे शिवजी की प्रतिमा को बेहद शुभ माना जाता है। मगर इस बात का ध्यान आपको विशेष तौर पर देने की जरूरत है कि इस प्रतिमा में शिवजी खड़ी हुई अवस्था में न हों। इस प्रतिमा में शिवजी, माता पार्वती और उनके दोनों पुत्र भगवान कार्तिकेय और गणेशजी हों तो ऐसी प्रतिमा घर में लगाने से परिवार में सदैव खुशियां बनी रहती हैं और सभी कार्य पूर्ण होते हैं।
ऐसी मूर्ति घर में न रखें
कुछ लोगों को भगवान शिव की नटराज स्वरूप वाली प्रतिमा से खासा लगाव होता है। विशेषकर कला और संगीत जगत से जुड़े लोग इस प्रकार की मूर्ति को अपने घर में सजाते हैं। आपको बता दें कि घर में इस प्रकार की मूर्ति को लगाना अच्छा नहीं माना जाता है। अगर आप संगीत और कला से जुड़े हैं तो आप चाहें तो अपने प्रतिष्ठान में इस प्रकार की मूर्ति को लगा सकते हैं।
तांडव को दर्शाता है शिवजी का यह रूप
नटराज रूप में शिवजी की प्रतिमा का स्वरूप तांडव को दर्शाता है। वहीं शिवजी का तांडव रूव विनाश को दर्शाता है। मान्यता है कि जब शिवजी को क्रोध आता है तो वह तांडव करते हैं। इसलिए घर में क्रोध वाली तस्वीर या प्रतिमा को लगाना अच्छा नहीं माना जाता है।