तुलसी का हमारे शास्त्रों और जीवन में बड़ा महत्व हैं। इसलिए अधिकतर हिन्दू परिवारों में तुलसी का पौधा तो होता ही है। तुलसी हमारे लिए कई रोगों में लाभदायक हैं, इसी के साथ लगभग हर पूजा में तुलसी का उपयोग किया जाता हैं। इसलिए हिन्दू परंपरा के अनुसार तुलसी की पूजा की जाती हैं। हर पूजा की अपनी एक विधि और समय तय किया जाता है, जो कि शुभ हो। तो आइये हम आपको बताते हैं कि तुलसी पूजा किस प्रकार व कब करें।
# हिन्दू ग्रंथ में तुलसी को देवी लक्ष्मी का रुप कहा गया है। कहते है जिस घर में तुलसी की पूजा की होती है, उस घर में माता लक्ष्मी जी का वास होता है।
# तुलसी को भगवान विष्णु का भी प्रिय बताया गया है। इसलिए विष्णु जी की पूजा करते समय तुलसी दल का होना जरुरी होता है। हिन्दू धर्म के मुताबिक तुलसी जी व विष्णु जी को पति पत्नी कहा जाता है। इसलिए हर साल कार्तिक माह के एकादशी को इन दोनों के विवाह करवाया जाता है जो की तुलसी विवाह के नाम से प्रसिद्ध है।
तुलसी पूजा का समय : तुलसी पूजा वेसे तो कभी भी की जा सकती हैं, लेकिन सबसे उचित समय सुबह का माना गया है।
तुलसी पूजा की विधि : # तुलसी के पौधे की पूजा करते समय सबसे पहले तुलसी को जल चढ़ाएँ।
# जल चढाने के पश्चात् तुलसी जी को सिन्दूर, फिर हल्दी, उसके बाद दूध अर्पण करें।
# अब तुलसी जी के दीपक और अगरबत्ती करें।
# तुलसी जी की आरती का मोचन करते हुए, तुलसी जी की परिक्रमा करें।
# इसी प्रकार सांझ के समय भी तुलसी के दीपक और अगरबत्ती करें।