चैत्र नवरात्र में इस बार राम नवमी 5 अप्रैल की आ रही हैं। जन जन के मन में बसने वाले भगवान राम का प्राकट्य दिवस। राम को मर्यादापुरुष के रूप में पूजा जाता है जिनका जीवन हर व्यक्ति को प्रेरणा देता है कि अगर मानव जन्म मिला है तो इस तरह जीवन निर्वाह करो। अपने आराध्य श्रीराम के जन्मदिवस पर कई लोग व्रत ,पूजा या उपवास भी रखते हैं।
क्या करें इस दिन
पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार इस दिन श्रीराम की पूजा अर्चना के पश्चात ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए। निर्धनों को भी भोजन करवाने के पश्चात वस्त्रों का दान करें।
क्या है रामनवमी का पौराणिक महत्त्व
त्रेता युग में चैत्र शुक्ल नवमी को अयोध्या के महाराजा दशरथ के राजमहल में विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। महाराज दशरथ ने पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाया जिसके फलस्वरूप श्रीराम का जन्म उनकी तीन रानियों में से सबसे बड़ी रानी कौशल्या के गर्भ से हुआ।
यही राम आगे चलकर अपने सत्कर्मों से लोगो के तारणहार बने। अपने सच्चरित्र के कारण राम मर्यादा पुरषोत्तम के रूप में लोगों में पूजे जाने लगे। श्रीराम ने अयोध्या पर रामराज्य स्थापित करने के बाद सरयू नदी में जलसमाधि ले ली।
बड़ी संख्या में इस दिन लोग सरयू नदी में स्नान करते हैं और श्रीराम की आरधना करते हैं।