Surya Grahan 2018: जानिए क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण?

साल का आखिरी और तीसरा सूर्य ग्रहण आज पड़ेगा जो कि आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। ये सूर्य ग्रहण धरती के उत्तरी गोलार्द्ध में दिखाई देगा यानी कि भारत के लोग इस सूर्य ग्रहण का दीदार नहीं कर पाएंगे। भारतीय समय के अनुसार दोपहर 1.32 से शुरू हो कर शाम 5 बजे समाप्त होगा। इसका सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाएगा लेकिन भारत में दृश्य न होने के कारण सूतक का प्रभाव थोड़ा कम पड़ेगा।

जानिए क्या होता है आंशिक सूर्य ग्रहण?

पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है। दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है।

इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। सूर्य ग्रहण आंशिक और पूर्ण दोनों तरह का हो सकता है। आंशिक सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य के कुछ ही हिस्से को ढकता है और जब इस नजारे को पृथ्वी से देखा जाए तो सूर्य एक डिस्क की तरह दिखाई देता है।

सूर्य ग्रहण की मान्यताएं

1. सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और मूर्ति पूजा नहीं करनी चाहिए।
2. मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान तुलसी और शामी के पौधे को नहीं छूना चाहिए।
3. ग्रहण काल के दौरान खाना खाने और पकाने की मनाही होती है।
4. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए।
5. ग्रहण के वक्त मंत्रों का उच्चारण करने का चलन है।
6. हिन्दू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल खत्म होने के बाद पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए।
7. अगर घर पर ही हैं तो नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
8. ग्रहण काल के बाद गरीबों और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देने का विधान है।