आपने अक्सर लोगों को नए-नए फैशन को अपनाते हुए देखा होगा, जिसमें लोग अजीब तरह की अंगूठियाँ पहने हुए दिखते हैं। ऐसी ही एक अंगूठी आपने लोगों को पहने हुए देखी होगी जिस पर कछुए की आकृति बनी हुई होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये अंगूठी फैशन नहीं बल्कि ज्योतिष के अनुरूप होती है जो व्यक्ति के दुर्भाग्य को दूर करती हैं। लेकिन यह तभी अपना काम करती है जब इसे सही विधिपूर्वक धारण किया जाए। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से कछुए वाली अंगूठी बनाएगी आपकी किस्मत।
* अंगूठी सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी उंगली में पहननी चाहिए। कछुए को मां लक्ष्मी के साथ जोड़ा गया है, इसलिए इसे लक्ष्मी के दिन शुक्रवार को पहनें।
* कछुए की अंगूठी को इस तरह बनवाएं की कछुए के सर वाला भाग पहनने वाले व्यक्ति की ओर हो। कछुए का मुख बाहर की ओर होगा तो नकारात्मक असर हो सकता है।
* शुक्रवार को अंगूठी को खरीदें और घर लाकर लक्ष्मीजी की मूर्ति के सामने कुछ देर रख दें। दूध और पानी से धोएं। पूजा करें। इसके बाद इसे धारण करें।
* समुद्र मंथन की कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के लिए कछुए का अवतार लिया था और देवी लक्ष्मी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थी जो विष्णु जी की पत्नी बनी। इसलिए लक्ष्मी के साथ ही कछुए को भी धन बढ़ाने वाला माना गया है।
* कछुए को धैर्य, शांति, निरंतरता और सुख-समृद्धि का भी प्रतिक माना जाता है। कछुए वाली अंगुठी चांदी की होगी तो ज्यादा शुभ रहेगा। शास्त्रों के अनुसार कछुए को सकारात्मकता और उन्नति का प्रतीक माना गया है।