वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मेन गेट हमारे घर का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता हैं। क्यूंकि यही वो रास्ता होता हैं जिससे घर में सकारात्मक और नकारात्मक उर्जा का घर में प्रवेश होता हैं। अगर घर के मेन गेट का वास्तु सही हो तो यह नकारात्मक उर्जा को घर में प्रवेश ही नहीं करने देता, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती हैं। इस नकारात्मक उर्जा से बचने के लिए वास्तु में मेन गेट से जुडी कई बातें बताई गई हैं, जिन्हें हमें ध्यान में रखना चाहिए। तो आइये जानते हैं उन बातों को।
* मेन गेट और शुभ चिन्ह अगर घर के गेट पर मांगलिक चिन्हों को बनाया जाये तो इसे पवित्र माना जाता हैं। जैसे ॐ, श्रीगणेश, स्वस्तिक, शुभ-लाभ आदि बनाना चाहिए। ऐसा करने से घर पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और बुरी नज़र से घर की रक्षा होती है।
* दरवाज़े का रंग मेन गेट का रंग महरून, यलो या रेड होना चाहिए। ऐसा होने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। अगर ऐसा करना संभव न हो तो गेट पर इनमें से किसी रंग की पेंटिंग या कोई शो-पीस टांग दें। जिससे इस रंह का आभास हो और नकारात्मकता दूर रहें।
* दरवाज़े और पौधे मेन गेट के आस-पास तुलसी का पौधा या चमेली की बेल रखना शुभ माना जाता है। तुलसी का पौधा तो वेसे भी घर में होना ही चाहिए, जिससे परिवार में सुख-शांति बनी रहे। ऐसा करने से घर में प्रवेश करने वाली सारी नेगेटिव एनर्जी पॉजिटिव में बदल जाती है और गलत दिशा में बने दरवाज़े के दुष्प्रभाव कम होते है।
* दरवाज़ा और विंड चाइम घर के मेन गेट पर छह छड़ वाली धातु की बनी विंड चाइम लगानी चाहिए। विंड चाइम वास्तु दोषों को दूर करने में बहुत ही लाभदायक होता है। इसकी खनखनाहट से मेन गेट के आसपास के बुरे प्रभाव दूर होते हैं।
* मेन गेट और सजावट मेन गेट के बाहर ऊपर की ओर वंदनवार लगानी चाहिए। यदि वंदनवार अशोक के वृक्ष की पत्तियों से बनी हो तो बहुत शुभ रहेगा। अगर ऐसा न कर सकें तो बाज़ार में मिलने वाले वंदरवार भी लगा सकते है। इसके अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो की शुभ रहती हैं, उनका उपयोग किया जा सकता हैं।