संकटमोचक हनुमान की मूर्ति लगाते समय रखें इन वास्तु नियमों का ध्यान, मिलेगी कृपा

कलयुग के देवता कहे जाने वाले हनुमान जी को संकटमोचक कहा जाता हैं जो भक्तों की रक्षा करते हैं और उनके दुख-दर्द दूर करते हैं। सभी भक्तगण अपने घर में संकटमोचक हनुमान की मूर्ति लगाते हैं ताकि घर में नकारात्मक ऊर्जा का कोई वास ना हो और जीवन में शुभता का संचार हो। लेकिन इसके लिए जरूरी हैं कि मूर्ति रखने से जुड़े वास्तु नियमों को जानकर उनका पालन किया जाए। वास्तु नियमों का पालन करते हुए हनुमान की मूर्ति लगाई जाती हैं तो शुभ फलदायी साबित होता हैं। तो आइये जानते हैं इ वास्तु नियमों के बारे में...

वास्तु विज्ञान के अनुसार ऐसे रखें घर में हनुमानजी को


वास्तु विज्ञान के अनुसार हनुमानजी की मूर्ति और तस्वीर को ऐसे रखना चाहिए कि हनुमानजी दक्षिण दिशा की ओर देखते रहें। हनुमानजी काल के नाशक हैं और दुष्टों को यमलोक पहुंचाते हैं इसलिए हनुमानजी का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए। माता दुर्गा और काली को भी इसी तरह रखने का विधान है। जहां तक हनुमानजी की बात है तो हनुमानजी ने दक्षिण दिशा में स्थित लंका में ही सबसे ज्यादा पराक्रम दिखाया था, इसलिए हनुमानजी का मुख दक्षिण दिशा की ओर रखना चाहिए।

तरक्की दिलाती है हनुमानजी की ऐसी तस्वीर

करियर में उन्नति और तरक्की की चाहत तो हर किसी की होती है लेकिन घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा और ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव के कारण कई बार व्यक्ति उलझा रहता है और मेहनत के बाद भी सफलता नहीं पाता है। हनुमानजी की ऐसी तस्वीर जिसमें हनुमानजी हाथ में पर्वत लिए हुए उड़ते नजर आते हैं उन्हें ऐसे लगाएं कि इनक मुख दक्षिण दिशा की ओर हो। यह भी ध्यान रखें कि तस्वीर ऐसे लगी हो कि आते-जाते इन पर नजर जाए। इससे करियर में प्रगति होती है।

आत्मविश्वास बढ़ाते हैं ऐसे हनुमानजी


जीवन में जिम्मेदारियों को निभाने के लिए आत्मविश्वास बेहद जरूरी है। आत्मविश्वास की वृद्धि के लिए पर्वत उठाते हुए हनुमानजी की तस्वीर को घर में रखना चाहिए। इस तस्वीर को घर में ड्राइंग रूम और हॉल में लगाना चाहिए। पूजा घर में ध्यान मुद्रा में बैठे हुए हनुमानजी की तस्वीर लगानी चाहिए। इससे भक्ति भाव का संचार होता है। घर में इन दोनों तस्वीरों को रखने से और नियमित इनके दर्शन से आत्वविश्वास बढ़ता है और आप जिम्मेदारियों को बखूबी निभा पाते हैं।

पंचमुखी हनुमानजी की तस्वीर लगाने के फायदे

हनुमानजी को कुछ तस्वीरों में पंचमुखी रूप में दिखाया गया है। कथा है कि अहिरावण का अंत करने के लिए हनुमानजी ने अपने दिव्य रूप धारण किया था जिसमें उनके पांच मुख प्रकट हुए थे। वास्तु विज्ञान के अनुसार हनुमानजी की ऐसी तस्वीर और मूर्ति घर में रखने से सभी दिशाओं का वास्तु दोष दूर होता है और घर में सुख समृद्धि आती है।

यहां न लगाएं हनुमानजी की तस्वीर


घर में हनुमानजी की तस्वीर को कभी भी शयन कक्ष में नहीं लगाना चाहिए। हनुमानजी ने सूर्यदेव से ज्ञान प्राप्ति के लिए एक शर्त के रूप में सूर्य की पुत्री सुवर्चला से विवाह किया था। लेकिन कभी भी हनुमानजी गृहस्थ जीवन में नहीं रहे। इसलिए हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी कहे जाते हैं। ब्रह्मचारी होने के कारण गृहस्थ लोगों को बेडरूम यानी शयन कक्ष में हनुमानजी की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।