जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए वास्तुशास्त्र में बहुत सारे उपाय बताए गए हैं। उन उपायों को अपनाने से कई परेशानियां दूर हो सकती हैं और घर का वातावरण शुभ बना रहता है। स्टाइलिश एक्वेरियम घर के इंटीरियर को यूनिक-सी लुक देता है। एक्वेरियम में तैरती छोटी-बड़ी व रंग-बिरंगी मछलियां घर और मन, दोनों को ही शांत और तरो-ताजा माहौल देती हैं। वैसे एक्वेरियम डैकोरेशन का हिस्सा तो है ही लेकिन इसे
वास्तुशास्त्र के साथ भी जोड़ कर देखा जाता है। एक्वेरियम को वास्तुशास्त्र के अनुसार, सही स्थान और दिशा में रखा जाए तो परिवार में खुशनुमा माहौल बना रहता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक्वेरियम से जुड़े वास्तु के बारे में।
* अगर एक्वेरियम को घर के किसी ऐसे कमरे या कोने में रखा है, जो पूरी तरह खुश्क है, तो वहां एक्वेरियम को रखने से उस विशेष स्थान पर आर्द्रता और नमी स्थापित होती है और ऊर्जा में संतुलन कायम होता है।
* एक्वेरियम में मछलियों की संख्या का विशेष महत्व है। फेंगशुई के अनुसार एक्वेरियम में मछलियों की संख्या कम से कम नौ होनी चाहिए। आठ मछलियां लाल अथवा सुनहरे रंग की होनी चाहिए जबकि एक मछली काले रंग की।
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों की संख्या नौ बतायी गयी है। संभव है कि इन्हीं कारणों से फेंगशुई में नौ मछलियां एक्वेरियम में रखने की बात कही गयी है।
* प्राकृतिक रोशनी के नीचे एक्वेरियम रखने से मैंटली स्ट्रैस कम होता है। एक्वेरियम के अंदर बहते पानी की आवाज से घर में पजैसिव एनर्जी का प्रवाह होता है।
* एक्वेरियम को घर के किस भाग या किस दिशा में रखा जाता है, यह बात बेहद महत्वपूर्ण है। बगुआ डाइग्राम की सहायता से एक्वेरियम के लिए सही दिशा या उपयुक्त स्थान का चुनाव किया जा सकता है।
* घर का दक्षिण-पूर्वी भाग, एक्वेरियम रखने के लिए बेस्ट माना जाता है। घर में संपन्नता और धन में वृद्धि करने के उद्देश्य से इस स्थान को पारंपरिक रूप से सही करार दिया गया है।
* सके अलावा आप घर के उत्तरी या पूर्वी भाग में भी एक्वेरियम को रख सकते हैं। घर का उत्तरी भाग कॅरियर का प्रतिनिधित्व करता है और पूर्वी खुशहाली को दर्शाता है।
* अगर आपके एक्वेरियम की कोई मछली मर जाती है तो उसे जल्दी से जल्दी हटाकर उसके स्थान पर नई मछली को फिश टैंक में डालें। अपने एक्वेरियम में किसी भी प्रकार की गंदगी ना छोड़ें।