आपने अक्सर देखा होगा कि कई लड़के-लड़कियों की शादी की बात उनकी कुंडली में स्थित मांगलिक दोष की वजह से नहीं बन पाती हैं। जिसके कारण मांगलिक दोष को इतना बड़ा मान लिया जाता है जैसे किसी ने बड़ा पाप कर दिया हो, जबकि ज्योतिषीय रूप से इसको आसानी से टाला जा सकता हैं। जी हाँ, ज्योतिशास्त्र में कुछ नियम बताए गये हैं जिससे वैवाहिक जीवन में मांगलिक दोष नहीं लगता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं जिनको अपने जीवन मे उतारकर मांगलिक दोष से छुटकारा पाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।
* मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिन्दूर से हनुमान जी की पूजा करने एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगली दोष शांत होता है।
* कार्तिकेय जी की पूजा से भी इस दोष में लाभ मिलता है। महामृत्युजय मंत्र का जप सर्व बाधा का नाश करने वाला है। इस मंत्र से मंगल ग्रह की शांति करने से भी वैवाहिक जीवन में मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
* वस्त्र में मसूर दाल, रक्त चंदन, रक्त पुष्प, मिष्टान एवं द्रव्य लपेट कर नदी में प्रवाहित करने से मंगल अमंगल दूर होता है।
* हर मंगलवार को शिवलिंग पर कुमकुम चढ़ाएं। इसके साथ ही शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल और लाल गुलाब अर्पित करें।
* मंगल दोष के निवारण के लिए मूंगा रत्न भी धारण किया जाता है। रत्न जातक की कुंडली में मंगल के क्षीण अथवा प्रबल होने या अंश के अनुसार उसकी डिग्री के हिसाब से पहना जाता है।
* जिस कन्या की कुण्डली में मंगल दोष होता है वह अगर विवाह से पूर्व गुप्त रूप से घट से अथवा पीपल के वृक्ष से विवाह करले फिर मंगल दोष से रहित वर से शादी करे तो दोष नहीं लगता है।
* मंगला गौरी और वट सावित्री का व्रत सौभाग्य प्रदान करने वाला है। अगर जाने अनजाने मंगली कन्या का विवाह इस दोष से रहित वर से होता है तो दोष निवारण के लिए इस व्रत का अनुष्ठान करना लाभदायी होता है।
* प्राण प्रतिष्ठित विष्णु प्रतिमा से विवाह के पश्चात अगर कन्या विवाह करती है तब भी इस दोष का परिहार हो जाता हैा