आपके जीवन में खुशियों की वर्षा कर सकता है दर्पण, जानें इससे जुड़े ख़ास वास्तु टिप्स

दर्पण हमारे दैनिक जीवन का आम हिस्सा हैं जिसकी मदद से आप अपने चेहरे को निहारते हैं। जी हाँ, आईने की मदद से ही हम हमारे चेहरे को देख पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि यह साधारण सा दिखने वाला आइना आपके जीवन में आने वाली खुशियों का कारण बन सकता हैं। जी हाँ, अगर आईने का इस्तेमाल वास्तु के अनुसार किया जाए तो यह जीवन में सकारात्मकता लेकर आता हैं और खुशियों का आगमन होता हैं। तो चलिए जानते है आज आईने से जुड़े वास्तु उपायों के बारे में।

* दर्पण जितना बड़ा और हल्का हो , वास्तु के हिसाब से उतना ही अच्छा माना जाता है। हालांकि संख्या को लेकर कोई कठोर नियम नहीं है , और घर में जरूरत के मुताबिक ही आईनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक से ज्यादा शीशों को मिला कर एक बड़े शीशे की तरह इस्तेमाल किया जाए। क्योंकि ऐसा करने पर शरीर खंडित दिखाई देगा , जो वास्तु के हिसाब से सही नहीं है।

* आपके घर या कमरे के लॉकर के सामने अगर आपने शीशा लगाया हुआ है, तो यह आपकी आय और संपत्ति में वृद्धि करता है। आइने के भीतर उस लॉकर की छाया सकारात्मक ऊर्जा को अपनी ओर खींचती है और व्यवसायिक दृष्टिकोण से यह उपयोगी सिद्ध होता है।

* आइने को खरीदते करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसमें चेहरा साफ, स्पष्ट और वास्तविक दिखाई दे। धुंधला और विकृत चेहरा दिखाने वाले आइना बुरा प्रभाव डालता है। इससे रोगों में भी वृद्धि होती है।

* आवासीय भवन अथवा व्यावसायिक भवन में ईशान (उत्तर-पूर्व) क्षेत्र ,उत्तर या पूर्व दीवाr में दर्पण लगाना चाहिए इसके लगाने से आय में वृद्धि होने लगती है। और व्यवसायिक सम्बन्धी बाधाए दूर होती है।

* यदि आपके बेडरूम में बेड के ठीक सामने कोई आईना हो तो उसे फौरन हटाएं, क्योंकि यह आपके शादीशुदा लाइफ में बाधाएं खड़ी कर सकता है।

* वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि आईने के ढक कर रखना चाहिए। बेहतर है कि आईने को अपनी अलमारियों के अंदर फिट कराएं या फिर ऐसा ड्रेसिंग टेबल हो जिसका आईना उसे खोलने के बाद नज़र आता हो। आईना घर की दीवारों पर न तो ज्यादा ऊपर और न ही ज्यादा नीचे लगाएं, वर्ना घर के लोगों को शारिरीक तकलीफ से गुजरना पड़ सकता है।