VIDEO - बच्चो के स्टडी रूम से जुड़ें कुछ खास वास्तु टिप्स

स्टडी रूम एक ऐसी जगह हैं जो किसी भी बच्चे के भविष्य और केरियर को निश्चित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान होता हैं। क्योंकि बच्चा अपनी पढाई और भविष्य की तैयारी का अधिकतर समय स्टडी रूम में ही गुजारते हैं। स्टडी रूम में बच्चे की पढाई सही से हो सकें, इसके लिए स्टडी रूम को बनाते समय वास्तु का पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता होती हैं। अगर स्टडी रूम का वास्तु सही हो तो बच्चे एकाग्रता के साथ पढाई कर पाते हैं। अगर आपके स्टडी रूम में वास्तु दोष हो तो उन्हें दूर करने के लिए आज हम आपको स्टडी रूम से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं स्टडी रूम से जुड़े वास्तु टिप्स।

* घर के जिस कमरे में बैठकर बच्चे पढ़ाई करते हैं, बहुत जरूरी है कि वह कमरा घर के पूर्वी, उत्तर या उत्तर-पूर्वी दिशा में स्थित हो। इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और उनका दिमाग तेज चलता है। बेहतर होगा अगर कमरे का दरवाजा भी इसी दिशा में खुले तो।

* स्टडी टेबल रेग्युलर शेप का होना चाहिए। यानी टेबल आयताकार, वर्गाकार या गोलाकार होना चाहिए। टेबल का आंकार आड़ा-तिरछा होगा तो बच्चा एकाग्रता नहीं कर पाएगा, कन्फ्यूज्ड रहेगा। टेबल के कोने कटे हुए नहीं होने चाहिए।

* जब आप पढ़ने के लिए बैठते हैं आपकी पीठ के पीछे दीवार होनी चाहिए। पीठ के पीछे कोई खिड़की या ओपनिंग आपको एनर्जी सपोर्ट तो देती है लेकिन कॉनसन्ट्रेशन भंग करती है।

* पढ़ाई के कमरे में रोशनी और प्राकृतिक उजाले का होना बहुत जरूरी है। अगर ऐसा होता है इसका सकारात्मक प्रभाव बच्चे की पढ़ाई पर साफ नजर आएगा।

* पढ़ाई की टेबल या जहां भी बैठकर आपका बच्चा पढ़ता है उस स्थान को हमेशा साफ रखें। उस जगह गंदगी फैलाना सही नहीं है।

* यलो और वॉयलेट कलर मेमोरी और कॉनसन्ट्रेशन बढ़ाने में मददगार होते हैं। दीवारों और टेबल-कुर्सी के लिए इन रंगों का इस्तेमाल अच्छा रहेगा। ब्लू और काले रंग से परहेज करें।

* अगर बच्चों के कमरे में दौड़ने वाले घोड़े की तस्वीर लगाएंगे तो ऐसा करने से आपके बच्चे को प्रेरणा मिलेगी। ध्यान रखें कि कोई उदासीन तस्वीर आपके बच्चे के कमरे में ना हो।

* आपके बच्चे के कमरे में जो भी फर्नीचर हों, ध्यान रखें कि वो कमरे की दीवार से कुछ दूरी पर ही रहें। इससे कमरे में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।