घर की सीढ़ियाँ दर्शाती है आपकी सफलता, जानें इनसे जुड़े वास्तु टिप्स

हमारे जीवन में वास्तु का बड़ा महत्व बताया गया हैं। जी हाँ, हमसे जुड़ी हर वस्तु की अपनी विशेष ऊर्जा होती है जिनका सकारात्मक होना हमारे लिए फायदेमंद होता हैं। यहाँ तक कि हमारे घर में बनी सीढियों का वास्तु सांगत होना भी हमारे जीवन पर असर डालता हैं। क्या आप जानते है कि घर कि सीढ़ियाँ आपकी सफलता को दर्शाती है और उन्नति का कारण भी बनती हैं। इसलिए सीढियों का वास्तुसंगत होना बहुत जरूरी हैं। आज हम आपको सीढियों से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इन टिप्स के बारे में।

* ये कभी भी घर के गेट के सामने नहीं होनी चाहिए। यानि जब भी कोई मनुष्य घर के अंदर प्रवेश करे तो घर के अंदर की सीढियाँ उस मनुष्य को नहीं दिखना चाहिए।

* सीढियो की संख्या हमेशा विषम रहे जैसे 11, 15 आदि। शौचालय या मंदिर सीढियो के निचे नही बनाये। घर में इनकी दिशा दक्षिण या पश्चिम भाग में होनी चाहिए और आप जब इस पर चढ़े तो आपका मुख पूर्व और उत्तर की तरफ होना चाहिए।

* यदि सीढ़ियां घुमावदार बनानी हैं तो, उनका सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर और उत्तर से पूर्व की ओर रखना लाभप्रद रहता है। इसका मतलब है कि चढ़ते समय सीढ़ियां हमेशा दायीं ओर मुड़नी चाहिए।

* वास्तुशास्त्र के अनुसार सीढ़ी के नीचे जूते-चप्पल एवं घर का बेकार सामान नहीं रखना चाहिए। कहा जाता है कि इससे घर में भारी नुकसान होता है।

* सीढ़ियों की नीचे और उपर द्वार रखना चाहिए। नीचे वाले दरवाजे से उपर वाला दरवाजा 12 भाग कम होना चाहिए।

* यदि किसी मकान में सीढ़ियां पूर्व या उत्तर दिशा में बनी हों तो, उसके वास्तुदोष को कम करने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक कक्ष बनवाना देना चाहिए।

* यदि सीढ़ियो में वास्तु दोष है और आप तोड़ कर दुबारा नही बनाना चाहते तो आप स्टोन पिरामिड की स्थापना करा ले। यह दोष को कम करता है।

* सीढ़ियों के दोनों ओर सुन्दर और मजबूत रेलिंग लगानी चाहिए। कभी भी सीढ़ी में गन्दगी और मकड़ी के जाले नही लगे रहने चाहिए।