आजकल के समय में सभी लोग अपने रहने के लिए फ्लेट्स लेना पसंद करते हैं क्योंकि जमीन की कीमतें भी बढ़ी हुई हैं और लोगों के पास माकन बनवाने जितना समय भी नहीं हैं। लेकिन इन फ्लेट्स में अक्सर वास्तुदोष से सामना करना पड़ता हैं। ऐसे में आप बड़े फ्लेट की जगह दोमंजिला मकान भी बना सकते हैं। आज हम आपको दोमंजिला मकान या आप डबल स्टोरी के नए घर में शिफ्ट होने वाले हैं तो जरूरी वास्तु टिप्स देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
मेन डोर
जब भी खुद के लिए फ्लैट देखने जाएं तो ध्यान रखें कि वहां के मेन डोर घर के मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए। घर की खुशहाली के लिए उसके मेन दरवाजे का पॉजिटिव दिशा में होना बहुत जरुरी है। ऐसा न होने से घर के मालिक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है साथ ही घर का माहौल तनाव से भरा रहता है।
इंटीरियरनए घर का इंटीरियर प्लान करते वक्त ध्यान रखें कि दिवारों पर ज्यादा पेटिंग्स न लगाएं। ज्यादा पेटिंग्स और अन्य सजावट की चीजें घर में नेगेटिव एनर्जी लेकर आती हैं।
मेन बेडरुम
वास्तु के अनुसार घर का मेन बेडरुम दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। अगर यही बेडरुम घर की दूसरी मंजिल पर बना है तो उसे घर के दक्षिण पश्चिम कोने में ही होना चाहिए। दोमंजिला मकान में एक बात का और ध्यान रखें कि टॉयलट के ऊपर बेडरूम न बनवाएं। ऐसा होने से भी जीवन में नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव बढ़ता है।
स्टडी रूम की दिशा
दोमंजिला मकान में बच्चों का स्टडी रुम पूर्व, उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए तथा कमरे का दरवाजा भी इसी तरफ खुलना चाहिए। ऐसा होने से बच्चों की एकाग्रता में वृद्धि होती है। गलत दिशा में स्टडी रुम बनवाने से बच्चों का ध्यान पढ़ाई में केद्रित नहीं हो पाता ।
टेरेस गार्डन
वैसे तो गार्डन घर की एंटरेस पर ही होता है। मगर फ्लैट्स में जगह न होने की वजह से ज्यादातर गार्डन टेरेस पर ही बना होता है। ऐसे में टेरेस गार्डन में भूलकर भी कांटेदार पौधे रखने की गलती न करें। ऐसा करने से घर की सुख-शांति भंग हो सकती है।