दीयों की रोशनी से जगमग करने वाली दिवाली का त्यौहार आ चुका हैं। कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का पर्व मनाया जाना हैं जो कि इस बार 24 अक्टूबर को है। हालांकि, इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस के साथ ही हो जाती है। दिवाली के दिन भगवान गणेश और लक्ष्मी के पूजन का विधान है। दिवाली का समय सुख-समृद्धि, धन-वैभव और शुभता की प्राप्ति के लिए विशेष मायने रखता है। वहीँ इस पावन पर्व पर वास्तु में बताई कुछ बातों पर ध्यान दिया जाए तो बेहद सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। इससे घर का माहौल सकारात्मक रहता है और घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। आइए जानते हैं कि किन वास्तु उपायों की मदद से दिवाली के दिन घर में सुख और समृद्धि को लाया जा सकता है।
दिवाली की सफाईवास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, सुखी घर की पहली सीढ़ी है साफ-सफाई। दिवाली से पहले पूरे घर की सफाई की जाती है। ऐसा माना जाता है कि घर के कोने-कोने की सफाई करने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है। इसलिए दिवाली में घर का कोई भी हिस्सा सफाई से नहीं छूटना चाहिए। वास्तु टिप्स के अनुसार, किचन हो या स्टोर रूम हर जगह अच्छे से सफाई करनी चाहिए।
घर की रंगाई-पुताईदिवाली में पुताई और दिशा के आधार पर रंगों का चुनाव भी महत्वपूर्ण माना जाता है। जैसे उत्तर में हरा, पिस्ता या आसमानी, ईशान में पीला आसमानी या सफेद, पूर्व में सफेद या हल्का नीला, आग्नेय में नारंगी, पीला, सफेद या सिल्वर, दक्षिण में नारंगी, गुलाबी या लाल, नैऋत्य में भूरा या हरा, पश्चिम में नीला या हल्का नीला, वायव्य में हल्का स्लेटी, क्रीम या सफेद रंग कराना चाहिए।
कूड़ा-कबाड़ करें घर से बाहर घर में बहुत ज्यादा सामान रखना अच्छा नहीं माना जाता है खासतौर से तब जब वो सही हालत में ना हों। कहा जाता है कि घर जितना अव्यवस्थित रहता है, सकारात्मक ऊर्जा उतनी कम आती है। दिवाली से पहले घर से कबाड़, टूटे हुए इलेक्ट्रॉनिक्स, टूटे हुई क्रॉकरी और उन चीजों को निकाल दें जिसका इस्तेमाल आपने पिछले 6 महीने से नहीं किया है। घर में अगर कई टूटा कांच है तो उसे भी बाहर कर दें क्योंकि वास्तु में इसे अपशकुन माना गया है। ऐसा माना जाता है कि पुरानी पड़ी कबाड़ चीजों से एक प्रकार की नेगेटिव एनर्जी उत्पन्न होती हैं और ये धन आगमन के रास्ते में बाधा उत्पन्न करती हैं।
मुख्य द्वार को ऐसे करें तैयारदीपावली पर सफाई के दौरान मुख्य द्वार की अच्छे से साफ सफाई करवाएं। अगर मुख्य द्वार पर दरवाजा आवाज करता है तो उसे सही करवा लें। दरवाजे में से किसी प्रकार का आवाज आना अशुभ माना जाता है। मुख्य द्वार पर चांदी का स्वास्तिक लगाएं और प्रवेश द्वार पर लक्ष्मीजी के चिह्न लगाएं। दरवाजे को सजाने के लिए आम के पत्ते के बना बंदनबार लगाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का प्रवेश आपके घर में होगा।
रंगोली या अल्पनादिपावली के पांच दिन रंगोली और मांडना, ‘चौंसठ कलाओं’ में से एक है जिसे ‘अल्पना’ कहा गया है। वास्तुशास्त्र में इसका बहुत महत्व है। रंगोली में श्री जरूर बनाएं ये समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि सुंदर अल्पना या रंगोली लक्ष्मी का घर में स्थाई बनाता है।
सेंधा नमक का पोछानमक या सेंधा नमक का पोछा लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है। इसमें चुटकी भर हल्दी डाल लेंगे तो सोने पर सुहागा। इसके बाद घर में गुग्गुल या चंदन से वातावरण को सुंगंधित बनाएं। ऐसा माना जाता है कि नमक नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करता है और घर के वातावरण को शुद्ध करता है।
करें घर को रोशनजब आप अपने घर को रोशन करने के बारे में सोच रहे हों, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार दिशाओं पर जरूर विचार करें। बाजार में रंग-बिरंगी बहुत सी लाइट्स मिलती हैं। आप इनमें से रंगीन रोशनी, बल्ब, डिजाइनर लैंप चुन सकते हैं। घर की उत्तर दिशा को सजाने के लिए नीली, पीली और हरी लाइट्स लगा सकते हैं। वहीं दक्षिण दिशा के लिए सफेद, बैंगनी और लाल लाइट्स अच्छी मानी जाती हैं। पूर्व दिशा को लाल, पीली और नारंगी जैसे शुभ रंगों से सजाएं। वहीं पश्चिम दिशा को पीली, नारंगी और गुलाबी लाइट्स से प्रकाशित करें।