वास्तु के ये टिप्स अपनाए और बच्चों को परीक्षा में टॉप कराए

किसी भी घर का वास्तु सम्मत होना उस घर की उन्नति को दर्शाता हैं। इसलिए घर के सभी कमरों का वास्तु के अनुरूप होना भी बहुत आवश्यक हैं। खासकर बच्चों के कमरे का वास्तु सम्मत होना बच्चों के जीवन में सकारात्मकता लेकर आता हैं और उनको जीवन में सफलता दिलाता हैं। जी हाँ, अपने जीवन में ऊँचाइयों को छूने में वास्तु अपना विशेष योगदान देता हैं। आज हम आपको बच्चों के रूम से जुड़े कुछ वास्तु टिप्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके बच्चों को सफलता की ऊँचाइयों पर पहुचाएं और हर परीक्षा में सफलता दिलाए। तो आइये जानते हैं बच्चों के रूम से जुड़े वास्तु टिप्स के बारे में।

* बच्चों का कमरा पश्चिम दिशा में सर्वश्रेष्ठ है किंतु विकल्प के तौर पर उत्तर-पश्चिम भी श्रेष्ठ है। अतः चिल्ड्रेन्स रूम के लिए इन्हीं दो दिशाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। ध्यान रखें कि सोते वक्त उनका सिर दक्षिण दिशा में हो। यदि दक्षिण में सिर रखना संभव न हो तो पूर्व दिशा में भी सिर रखकर सोना उपयुक्त है।

* स्टडी एरिया एवं स्टडी टेबल स्टडी के लिए बच्चों के कमरों में उत्तर-पूर्व का कोना यथेष्ट है। स्टडी एरिया बिल्कुल साफ-सुथरा एवं कबाड़ मुक्त होना चाहिए। इससे बच्चों की पढ़ाई में रूचि बढ़ती है तथा उनका संकेन्द्रण भी बढ़ता है।

* साफ-सुथरा एवं कबाड़ मुक्त स्टडी एरिया होने से बच्चों के दिमाग में नये-नये विचारों का उदय होता है तथा उनकी रचनात्मक गतिविधियां बढ़ती हैं।

* स्टडी टेबल को इस प्रकार व्यवस्थित करें कि पढ़ते समय बच्चे का मुंह उत्तर, पूर्व अथवा उत्तर-पूर्व दिशा की ओर रहे। पूर्व दिशा को सबसे शुभ दिशा माना जाता है क्योंकि यह बच्चों को ध्यान केन्द्रित करने में सहायक होता है।

* स्टडी टेबल को दीवार से बिल्कुल सटाकर न रखें। दीवार एवं टेबल के बीच कम से कम 3 फीट की दूरी आवश्यक है। स्टडी टेबल रेगुलर शेप का अर्थात् आयताकार अथवा वर्गाकार ही होना चाहिए। गोल, अंडाकार अथवा कोई अन्य आकार का स्टडी टेबल न रखें।

* स्टडी टेबल के ऊपर ऐसा ग्लास न रखें जो बच्चे का प्रतिबिंब बनाए। स्टडी टेबल का साइज न अधिक बड़ा और न ही अधिक छोटा होना चाहिए। यदि स्टडी टेबल पूर्वाभिमुख है तो लाइट अथवा लैंप दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखें और यदि स्टडी टेबल उत्तराभिमुख है तो उत्तर-पश्चिम में लाइट अथवा लैंप रखना उपयुक्त है।