वास्तु के अनुसार घर की किस दिशा में क्या होना चाहिये और क्या नही, जान ले फायदा होगा

घर वास्तु के अनुसार बना हो तो घर मे सुख समृधि बनी रहती है। घर की सुख शांति के लिए लोग घर में हवन से लेकर अखंड पूजा पाठ भी करवाते है, लेकिन फिर भी घर में शांति नही रहती है। घर की सुख शांति के लिए दिशाओ का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है। दिशाए भी घर की सुख समृधि को प्रभावित करती है। आज हम आपको बतायेंगे की घर की कौन सी दिशा में क्या होना चाहिए और क्या नही जिससे घर में सुख शांति बनी रहे। तो आइये जानते है इस बारे में....

* पूर्व दिशा

- यह दिशा शुभारम्भ की दिशा मानी जाती है क्यूंकि इसमें सूर्य देवता उदित होते है।-भवन का मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा की और होना चाहिए।
- इसके पीछे के कारण है सूर्य की किरने सीधी पडती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

* उत्तर दिशा

- इस दिशा के प्रतिनिधि धन के देवता कुबेर है। - इस दिशा को सभी आर्थिक कार्य समर्पित होते है।
-घर का बैठक कक्ष इसी दिशा में बनवाना शुभ रहता है।

* उत्तर पूर्व

- यह दिशा सभी दिशाओ में सबसे अच्छी मानी जाती है।
- यह घर का सबसे पवित्र जगह होती है जिस पर देवी देवताओ का स्थान होता है।
- इस दिशा में पानी को भरने की या रखने की जगह बनवानी चाहिए। साथ ही इस दिशा बाथरूम नही बनवाना चाहिए।

* पश्चिम दिशा

- यह दिशा वरुण देवता को समर्पित है।
- इस दिशा में बाथरूम, सीढ़िया या स्टोर बनवाना चाहिए। साथ पेड़ पौधे भी लगा सकते है।

* दक्षिण दिशा

- यह दिशा यमराज की मानी जाती है।
- इस दिशा में शयन कक्ष, बच्चो आदि का कमरा बनवाया जा सकता है।

* दक्षिण पश्चिम

- यह दिशा धन की देवी लक्ष्मी को समर्पत है।
- इस दिशा में आलमारी, तिजोरी आदि को रख सकते है।

* दक्षिण पूर्व

- यह अग्नि देव को समर्पित है।
-इस दिशा में रसोई घर बनवाना चाहिए।