ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि ब्रह्माण्ड में कुल 9 ग्रह विद्यमान हैं जो व्यक्ति की कुंडली में समय-समय पर अपना प्रभाव दिखाते हैं। ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करता हैं। अगर व्यक्ति के जीवन में ग्रहों का कुप्रभाव हो तो व्यक्ति का बुरा समय प्रभावी रहता हैं। इस बुरे समय से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति को अपनी कुंडली के ग्रहों को शांत करने की आवश्यकता होती हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे उपाय जो ग्रहों की शान्ति के लिए व्यक्ति के द्वारा किये जाने चाहिए। आइये जानते हैं ग्रहों की बुरी दशा से बचने के लिए किये जाने वाले उपाय के बारे में।
* सूर्य : सूर्य जातकों को सुबह उठ कर सूर्य देवता को अर्ध्य देना चाहिए और लाल मुंह के बंदर की सेवा करनी चाहिए। आठवें का सूर्य होने पर सफेद गाय के बजाय लाल या काली गाय की सेवा करने के लिए कहा जाता है।
* चंद्र : माता की सेवा करने से चंद्रमा के शुभ फल मिलने शुरू होते हैं। घर के बुजुर्गों, साधु और ब्राह्मणों के पांव छूकर आशीर्वाद लेने से चंद्रमा के खराब प्रभावों को भी दूर किया जा सकता है। रात में सिरहाने के नीचे पानी रख कर सुबह उसे पौधों में डालने से चंद्रमा का असर दुरुस्त होता है।
* मंगल : भाइयों की सहायता और ताऊ-ताई की सेवा करें तो मंगल का अच्छा प्रभाव मिलता है। लाल रंग का रूमाल पास रखने से मंगल का खराब प्रभाव खत्म होता है। महिलाओं में मंगल का असर बढ़ाने के लिए तो उन्हें लाल चूडिय़ां, सिंदूर, लाल साड़ी, लाल बिंदी लगाने के लिए कहा जाता है।
* बुध : गायों को नियमित रूप से पालक खिलाने से रुका हुआ धन फिर से मिलने लगता है। छत पर जमा कचरा भी ऋण को बढ़ाता है। इसे हटाने से ऋण कम और व्यापार सुचारू चलता है।
* गुरु : जिन जातकों की गुरु की दशा चल रही हो, अगर वे नियमित रूप से अपने ईष्ट के मंदिर जाएं और पीपल में जल सींचें तो गुरु की दशा में अच्छे लाभ हासिल कर सकते हैं। इसी दशा में स्कूल, धर्म स्थान में नियमित दान करना भी भाग्य को बढ़ाता है।
* शुक्र : अगर प्रतिदिन रात के समय अपने हिस्से की एक रोटी गाय को दें तो शुक्र का प्रभाव यानी समृद्धि तेजी से बढ़ती है। शुक्र का खराब प्रभाव हो तो रात के समय बैठी गाय को गुड़ देना लाभदायक होता है। सुहागिनों को समय-समय पर सुहाग की वस्तुएं देने से शुक्र का प्रभाव बढ़ता है।
* शनि : डाकोत को नियमित रूप से तेल देने, साधु को लोहे का तवा, चिमटा या अंगीठी दान करने से शनि का प्रभाव अच्छा हो जाता है। शनि के अच्छे प्रभाव लेने के लिए नंगे पैर मंदिर जाना चाहिए।
* राहू : अंधेरे और गंदगी वाले कोनों में राहू का वास होता है। अगर हर कोने को साफ और उजला रखेंगे तो राहू के खराब प्रभाव से दूर रहेंगे।
* केतू : कान बींधना, पालतू जानवर (खासकर कुत्ता) पालना केतू के खराब प्रभाव को कम करता है। संतान कष्ट में काला-सफेद कंबल साधु को देने से कष्ट दूर होता है।