श्राद्ध में आपको पितरों का आशीष दिलाएगी ये बातें, इनका जरूर पालन करें

हिन्दू धरम में श्राद्ध पक्ष का बड़ा महत्व माना जाता हैं क्योंकि धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष के इन दिनों में हमारे पूर्वज धरती पर पधारते हैं और हमारे बीच रहते हैं। ऐसे में उनके किए किया गया श्राद्ध उनकी आत्मा को तृप्त करता हैं और उन्हें प्रसन्न करता हैं। जिससे पितरों का आशीष हमें मिलता रहता हैं। इसलिए श्राद्ध कर्म को सच्चे मन से किया जाना चाहिए और विधिपूर्वक संपन्न करना चाहिए। आज हम आपको श्राद्ध कर्म से जुडी कुछ बातें बताने जा रहे हैं, जिनको करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।

* श्राद्ध करने के लिए तर्पण में दूध, तिल, कुशा, पुष्प, गंध मिश्रित जल से पितरों को तृप्त किया जाता है।

* ब्राह्मणों को भोजन और पिंड दान से के जरिए पितरों को भोजन दिया जाता है।

* ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद दक्षिणा दी जाती है।

* श्राद्ध में गंगाजल, दूध, शहद, दौहित्र (पुत्री की संतान), कुश और तिल चीजों को जरूर सम्मिलित करें।

* सुनिश्चित कुतप काल में धूप देकर पितरों को तृप्त करें।

* तुलसी का प्रयोग सर्वाधिक करें। तुलसी की गंध पितरों के लिए शांतिदायक होती है।

* इस दिन अगर आपके घर में कोई भिखारी आ जाए तो उसे भी आदरपूर्वक भोजन कराना चाहिए।

* पितरों के श्राद्ध के दिन गाय और कौए के लिए भी भोजन निकालना चाहिए।

* जल का तर्पण करने से पितरों की प्यास बुझती है।

* श्राद्ध के दिन गाय, मछली, कुत्ता, कौआ, भिक्षुक और चींटी इन्हें आहार देने का अवसर आए तो उसे न चूकें।

* पितृ पक्ष में भोजन करने वाले ब्राह्मण के लिए भी नियम है कि श्राद्ध का अन्न ग्रहण करने के बाद कुछ न खाएं।