मकर संक्रांति 2019- दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलेंगे सूर्यदेव, मकर संक्रांति पर करें ये उपाय

मकर संक्रांति का पर्व पूरे भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता हैं। ज्योतिष के अनुसार इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता हैं, इसलिए इस पर्व को सूर्यदेव की पूजा के लिए जाना जाता हैं। इसी के साथ ही यह पर्व पुण्य की प्राप्ति और अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिए भी जाना जाता हैं। इसलिए आज हम आपको मकर संक्रांति के दिन किये जाने वाले कुछ ज्योतिषीय उपाय बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपनी किस्मत बदल सकते हैं। तो आइये जानते है इन उपायों के बारे में।

* मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर सूर्य को अर्घ्य दें। अब पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करें। "मंत्र – ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात्"। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें। इस प्रकार मंत्र जाप करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाएगी। यदि इस मंत्र का जप प्रत्येक रविवार को किया जाए तो और भी जल्दी लाभ होता है।

* मकर संक्रांति को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। अर्घ्य देते समय ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जाप करते रहें। इस प्रकार सूर्य को अर्घ्य देने से मन की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

* मकर संक्रांति पर गुड़ एवं कच्चे चावल बहते हुए जल में प्रवाहित करना शुभ रहता है। अगर सूर्यदेव को प्रसन्न करना हो तो पके हुए चावल में गुड़ और दूध मिलाकर खाना चाहिए। ये उपाय करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं।

* मकर संक्रांति पर दान करने का विशेष महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए दान का पुण्य सौ गुना होकर प्राप्त होता है। अगर आप चाहते हैं कि भाग्य आपका साथ दे तो इस दिन कंबल, गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी आदि का दान करें। गरीबों को भोजन करवाएं तो और भी जल्दी आपकी मनोकामना पूरी होगी।

* ज्योतिष के अनुसार, तांबा सूर्य की धातु है। मकर संक्रांति पर तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करने से कुंडली में स्थित सूर्य दोष कम होता है। इसके साथ-साथ लाल कपड़े में गेहूं व गुड़ बांधकर दान देने से भी व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो सकती है।

* मकर संक्रांति की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठें। अपने सामने बाजोट (पटिए) पर सफेद वस्त्र बिछाएं और उसके ऊपर सूर्यदेव का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद सूर्यदेव की पंचोपचार पूजा करें और गुड़ का भोग लगाएं। पूजा में लाल फूल का उपयोग अवश्य करें। इसके बाद लाल चंदन की माला से नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। "मंत्र- ऊं भास्कराय नम:"। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें