मनुष्य अपने जीवन से चाहता है कि वह अपने जीवन का निर्वाह सुख-समृद्धि के साथ करें और उसे जीवन में किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसके लिए मेहनत करने के साथ अच्छी किस्मत का होना भी बहुत जरूरी हैं। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं राशि के अनुसार ध्यान रखी जाने वाली कुछ बातें जिनको अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियों का आगमन कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में जिनको अपनाने से जीवन में खुशियों को शामिल कर जीवन बेहतरी से जिया जा सकता है।
* मेष किसी से कोई वस्तु मुफ्त में न लें। गज-दंत से निर्मित वस्तु जातक के लिए हानिकारक है। लाल रंग का रुमाल हमेशा प्रयोग करें। घर में सोने की जगह मृगचर्म का प्रयोग करें। दिन ढलने के पश्चात् गेहूं व गुड़ बच्चों में बांटें। बहन, बेटी व बुआ को उपहार में मिठाई दें। विधवाओं की सहायता करें और आशीर्वाद लें।
* वृष परस्त्री का संग न करें। अति काम-वासना का परित्याग करें। मूंग की दाल दान करें। शनिवार को सरसों, अलसी या तिल का तेल दान करें। गौ-दान करें। अर्द्धांगिनी प्रतिदिन कुछ न कुछ दान करे। घर में मनी प्लांट लगाएं।
* मिथुन तामसिक भोजन का परित्याग करें। मछलियों को कैदमुक्त करें। फिटकरी से दांत साफ करें। पशु-पक्षी न पालें। अक्षत और दुग्ध धर्मस्थान में चढ़ाएं। माता का पूजन करें। 12 वर्ष से छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें। मूंग भिगोकर कबूतरों को दें। दमे की दवा मुफ्त अस्पताल में दें। हरे रंग की बोतल में गंगा जल भरकर सुनसान जगह में दबाएं।
* कर्क नदी पार करते समय उसमें तांबे का सिक्का प्रवाहित करें। माता से चांदी-चावल लेकर पास रखें। पलंग में तांबे का टुकड़ा लगाएं। 24 वर्ष तक नौकरानी या गाय रखें। दुर्गा पाठ करें। कन्यादान में सामान दें। सफेद वस्तुओं से निर्मित चीजों का व्यापार न करें। माता की सलाह का पालन करें।
* सिंह घर के अंतिम हिस्से के बायीं ओर का कमरा अंधेरा रखें। घर में हैडपंप का प्रयोग करें। चावल, चांदी व दूध का दान दें। मुफ्त की कोई चीज न लें। अखरोट व नारियल-तेल धर्म स्थान में दें। माता व दादी से कृपा प्राप्त करें। सूरदास को भोजन कराएं। मद्य-मांसादि का सेवन न करें।
* कन्या बेटी को मां जैसा प्यार व स्नेह दें। पन्ना धारण करें। पुत्री को चांदी की नथ पहनायें। छत पर वर्षा का जल रखें। नवीन वस्त्र धारण करने से पहले उसे नदी के जल से धोयें। हरे रंग का रुमाल पास रखें। घर में हरे रंगों का प्रयोग न करें। घर में तुलसी या मनी प्लांट के पौधे न लगाएं।
* तुला अपने हिस्से का भोजन पशु-पक्षियों और गाय को खिलाएं। सास-ससुर से चांदी लेकर रखें। गौ-मूत्र का पान करें। पत्नी हमेशा टीका लगाए रखे। परम पिता पर पूर्ण आस्था रखें। चौपाये जानवर का व्यवसाय करें। मक्खन, आलू और दही दान करें। पत्नी से पुनः पाणिग्रहण करें।
* वृश्चिक तंदूर की मीठी रोटी बनाकर गरीबों को खिलाएं। पीपल व कीकर के वृक्ष न काटें। तंदूर की रोटी न खाएं। किसी से मुफ्त का माल न लें। बड़े भाई की अवहेलना न करें। लाल रुमाल का प्रयोग करें। मृग व हिरण पालें। दूध उबलकर जलने न पाये। अलग-अलग मिट्टी के बर्तनों में शहद और सिंदूर रखकर घर में स्थापित करें।
* धनु कार्य शुरु करने से पहले नाक साफ करें। 43 दिन बहते पानी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करें। पीला रुमाल हमेशा साथ रखें। पिता के पलंग व कपड़ों का प्रयोग करें। झूठी गवाही न दें। पीपल की सेवा करें। किसी को न ठगें। गुरु, साधु तथा पीपल का पूजन करें। बृहस्पतिवार को व्रत रखें। हरिवंश पुराण का पाठ करें।
* मकर बंदरों की सेवा करें। गीली मिट्टी से तिलक करें। दूध में चीनी मिलाकर बरगद के वृक्ष में डालें। परायी स्त्री पर नजर न डालें। असत्य भाषण न करें। स्लेटी रंग की भैंस पालें। सर्प को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसे दें या स्वयं दूध पिलाएं। मद्यपान का निषेध रखें। घर के किसी हिस्से को अंधेरा न रखें। पूर्व दिशा वाले मकान में निवास करें।
* कुंभ अपने पास चांदी का टुकड़ा रखें। सांपों को दूध पिलाने के लिए सपेरे को पैसे दें। मुख्य द्वार पर थोड़ा-बहुत अंधेरा रखें। छत पर ईंधन आदि न रखें। बृहस्पति से संबंधित उपाय करें। 48 वर्ष से पहले अपना मकान न बनवाएं। सोना धारण करें।
* मीन किसी से दान या मदद स्वीकार न करें। अपने भाग्य पर भरोसा करें। सड़क के सामने गड्ढा न रखें। केसर और हल्दी का तिलक करें। बुजुर्गों की सेवा करें व दुर्गा पाठ करें। किसी के सामने स्नान न करें। धर्म स्थान में जाकर पूजन करें। कुल पुरोहित का आशीर्वाद प्राप्त करें।