देवउठनी एकादशी 2019: सालों बाद इस बार नहीं बन रहा विवाह का अबूझ मुहूर्त, जानें इसका बड़ा कारण

आज देवउठनी एकादशी हैं जिसे हिन्दू धर्म में बहुत शुभ माना जाता हैं। चार महीने से क्षीर सागर में सोए भगवान श्रीहरि विष्णु 8 नवंबर शुक्रवार को देवोत्थान एकादशी पर योगनिद्रा से जागे हैं। आज से चार महीने से बंद पड़े मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती हैं। हर साल देवउठनी एकादशी को विवाह का अबूझ मुहूर्त होता हैं। लेकिन इस बार सालों बाद देवउठनी एकादशी पर विवाह का अबूझ मुहूर्त नहीं बन रहा हैं। ऐसा क्यों हो रहा हैं आइये जानते हैं इसके बारे में।

देव उठनी एकादशी के पहले विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति राशि बदलकर 12 साल बाद अपनी ही राशि धनु में आ रहा है। बृहस्पति का धनु राशि में गोचर शुभ माना गया है। देवउठनी एकादशी के 9 दिन बाद ही सूर्य भी राशि बदलेगा। विवाह के मुहूर्त में वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है। इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से इस बार विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। लेकिन, वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। ऐसे में इस बार देवउठनी एकादशी पर अबूझ मुहूर्त नहीं है।

नवंबर-दिसंबर में 14 दिन विवाह मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य के अनुसार देव प्रबोधिनी एकादशी 8 नवंबर को है। इसके बाद 17 नवंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 18 नवंबर से विवाह शुरू हो जाएंगे। जो 15 दिसंबर तक रहेंगे। इन दिनों में केवल 14 दिन ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास होने के कारण इन दिनों में विवाह नहीं होंगे।

विवाह की तिथि

नवंबर में : 19, 21, 22, 28, 29 और 30 नवंबर
दिसंबर में : 1, 5, 6, 7, 10, 11 और 12 दिसंबर