महिषासुर के वध से जुड़ी है नवरात्रा की यह कथा, आइये जानें इसके बारे में

नवरात्रा का त्योहार देश में बड़ी धूमधाम और जोश के साथ मनाया जाता हैं। सभी जगह मातारानी के जयकारे गूंजते रहते हैं और भक्तिमय माहौल बना रहता हैं। सभी इस पर्व को मनाते हैं, लेकिन क्या आप इस पर्व को मनाने का कारण जानते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं नवरात्रा के त्योहार की महिषासुर के वध से जुडी कहानी के बारे में। तो आइये जानते हैं नवरात्रा से जुडी इस कथा के बारे में।

कथानुसार, माँ दुर्गा ने भैंस रूपी असुर महिसासुर का वध किया था। महिषासुर ने कठिन तपस्या करके देवताओ से अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया। वरदान प्राप्त करने के पश्चात महिषासुर ने समस्त लोक में अपने भय तथा आतंक के सम्राज्य को स्थापित कर लिया। इससे देवताओं को चिंता सताने लगी।

असुर महिषासुर ने सूर्य, इंद्र, अग्नि, यम, वरुण, एवम अन्य देवताओं से उनके अधिकार को छीन लिया और महिषासुर स्वंय स्वर्ग का राजा बन गया। तत्पश्चात समस्त देव गण माता पार्वती की शरण में गए।

माँ पार्वती समस्त लोकों को पापों तथा आसुरी सम्राज्य से मुक्ति दिलाने हेतु माँ दुर्गा के रूप में प्रकट हुई। माता दुर्गा को देख समस्त देवता प्रसन्न चित होकर माँ दुर्गा का अभिवादन किया एवम माँ दुर्गा को महिषासुर के वध के लिए अपने अस्त्र उन्हें प्रदान किया। नवरात्रि के दौरान माँ दुर्गा का महिषासुर से युद्ध हुआ और अंततः महिषासुर का वध करके माँ दुर्गा महिषासुर मर्दिनी कहलायी।